आंखिर खुल गई सीएम त्रिवेंद्र की नींद ! 8 वर्ष पुराने गैंगरेप और हत्या मामले में पीड़िता के माता पिता को दिया न्याय दिलवाने का आश्वासन

उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को अगर याद दिलाया जाए तो निश्चित ही वो मामले का संज्ञान लेते है अन्यथा उन्हें कुछ याद नही रहता और याद दिलाने का काम या यूं कहें कि हिम्मत भला कौन कर सकता है ?कलम के सिपाही ही ये हिम्मत कर सकते हैं तभी सीएम रावत की नींद भी खुली और उन्होंने बरसो 8 साल पुराने गैंगरेप के मामले में पीड़िता के माता पिता से मुलाकात की और न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया।


दअरसल 9 फरवरी 2012 में उत्तराखंड की बेटी का दिल्ली में तीन दरिंदों ने मिलकर गैंगरेप कर दिया था और बाद में पीड़िता की आंखों में तेज़ाब डाल दिया था इतना ही नही पीड़िता के नाजुक अंगों में शराब की बोतलों को फोड़कर डाल कर पीड़िता का मर्डर कर दिया था।दिल्ली हाइकोर्ट ने तीनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी लेकिन ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया और आज सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।पीड़िता के माता पिता उत्तराखंड के पौड़ी जिले के नैनीडांडा ब्लॉक के मोक्षक गांव के है और 2012 से अपनी बेटी के साथ ही विभत्स कांड पर उत्तराखंड सरकार से गुहार लगा रहे हैं लेकिन 2012 से अब तक ये मामला उत्तराखंड की सत्ता पर काबिज सीएम के लिए इतना महत्वपूर्ण नही रहा शायद तभी अब तक पीड़िता के माता पिता न्याय के लिए भटक रहे हैं।



दो दिन पहले उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार उमेश कुमार ने ये मामला अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्ट किया था और पहाड़ परिवर्तन समिति द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पीड़िता के लिए लड़ने की बात लिखी थी जिसके अगले ही दिन उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पीड़िता के माता पिता से मिले और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।