उत्तराखंड गौरवशाली पल:टिहरी के रमेश प्रसाद बडोनी का इंडो यूएस फेलोशिप अवार्ड में हुआ चयन अमेरिका के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में करेंगे शोध

देवभूमि उत्तराखंड का नाम विदेशी भूमि पर रौशन करने वालों की लिस्ट में अब एक और नाम जुड़ गया है उत्तराखंड के टिहरी जिले के पूजारगांव चंद्रवदनी निवासी दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक रमेश प्रसाद बडोनी का फुलबाईट डिस्टिंग्विशड टीचर अवार्ड के लिए चयन हुआ है,भारत अमेरिका कल्चरल एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत शिक्षा विभाग को ये बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है भारत से केवल दो ही टीचरों का चयन किया गया है जिसमे उत्तराखंड के रमेश प्रसाद बडोनी का नाम भी शामिल है दूसरे टीचर हिमाचल के अमित मेहता है।

आपको बता दें कि ये पुरुस्कार शिक्षकों के लिए विशिष्ट अंतरराष्ट्रीय टीचिंग कार्यक्रम के लिए तहत दिया जाता है।पूरी दुनिया से शिक्षक इस अवार्ड के लिए आवेदन कर सकते है।भारत मे इस अवार्ड के लिए करीब दस हजार शिक्षकों ने आवेदन किया था चार चरणों की कठिन परीक्षा के बाद भारत के केवल दो शिक्षकों का ही चयन हो पाया है।चयनित दोनों शिक्षक अमेरिका में करीब 6 महीने तक रहकर वहां के नामी गिरामी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय या शैक्षणिक संस्थानों में रहकर अगस्त 2021 से शुरू होने वाले प्रोजेक्ट्स में अपने अपने प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे।टिहरी निवासी रमेश प्रसाद बडोनी देहरादून में जीआईसी मिसराज पट्टी में भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता के रूप में कार्यरत हैं उन्हें इस अवार्ड के लिए चयन पत्र प्राप्त हो चुका है।अमेरिका जाने के लिए बडोनी ने सम्बंधित विभाग में एनओसी के किये भी आवेदन कर दिया है।

गौरतलब है कि बडोनी को 2012 में नेशनल इन्फॉर्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में भी अवार्ड जीत चुके है इसके अलावा 2019 में उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरुस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।बडोनी वर्तमान में एनसीईआरटी के भी मेंटर है।ऑनलाइन पढ़ाई के लिए भी बडोनी सरल टूल्स बना चुके है।बडोनी ने उत्तराखंड के दुर्गम इलाको में ऑफलाइन निःशुल पढ़ाई के मॉड्यूल तैयार करने के प्रोजेक्ट को चुना है। दुनियाभर में अधिकतर क्षेत्रों में आज भी इंटरनेट की सुविधा न होने के चलते ऑनलाइन पढ़ाई में रुकावट आ रही है उत्तराखंड में भी दुर्गम पहाड़ी इलाकों में नेटवर्क की समस्या आज के परिपेक्ष्य में एक बड़ी चुनौती बनी हुई है ऑनलाइन पढ़ाई कर पाना ऐसे क्षेत्रों के विद्यार्थियों के लिए बेहद मुश्किल साबित हो रहा है,ऐसे विद्यार्थियों के लिए बडोनी अमेरिका जाकर अपने प्रोजेक्ट पर काम करेंगे।चयनित शिक्षकों के सभी खर्चे इत्यादि संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार वहन करेगी ।