किसान संगठनों के आहवान पर लोहड़ी पर्व पर जलायी गयी किसान बिल की प्रतियां: पढ़े पूरी खबर

पूरे देश में किसान संगठनों के आहवान पर मकर संक्रान्ति और लोहड़ी पर्व को काले पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। ऊधम सिंह नगर जिला मुख्यालय पर तराई किसान संगठन के आहवान पर किसानों व कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार पर जमकर हमला बोला। सभा के बाद गल्ला मण्डी से रैली निकालकर बाटा चैक में रैली के अन्त में किसान बिल की प्रतियों को आग के हवाले करते हुए विरोध दर्ज कराया गया। इस दौरान वक्ताओं ने केन्द्र सरकार को हिटलरशाह सरकार करार देते हुए केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। 


आपको बता दे कि पूरे देश में कृषि कानून को लेकर महासंग्राम मचा हुआ है। पंजाब, हरियाणा और उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश के किसान गाजीपुर बाॅर्डर पर किसान बिल के विरोध में पिछले कई दिनो से धरने पर बैठे है। एक ओर जहां सरकार नये कृषि कानूनो को किसानों के हितकारी बताकर कानून को वापस लेने से पीछे हट रही है तो देश के किसान भी किसान कानून के वापसी लेने की मांग पर डटे हुए है। इस दौरान धरने पे बैठे किसानों के आहवान पर देश में कई बड़े आन्दोलन और धरने को समर्थन देने का सिलसिला जारी है। कल केन्द्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा फटकार के बाद भी किसान बिना बिल वापसी के धरना स्थल छोड़ने को तैयार नही है। इस बीच धरने पे बैठे किसान संगठनों के आहवान पर पूरे देश में लोहड़ी और मकर संक्रांन्ति पर्व को काले पर्व के रूप में मनाने के आहवान और किसान बिल की प्रतियों को जलाने की अपील पर कई जगह सरकार के खिलाफ कार्यक्रम किये जा रहे है। 


जिला ऊधम सिंह नगर के जिला मुख्यालय महानगर रुद्रपुर में तराई किसान संगठन के आहवान पर क्षेत्र के किसान और कांग्रेसियों ने शहर के गल्ला मण्डी में केन्द्र सरकार द्वारा लाये गये नये किसान कानून के खिलाफ सभा का आयोजन किया गया जिसमें किसान और विपक्ष के नेताओं ने जमकर हमला बोला। वक्ताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वमान्य है लेकिन सुप्रीम कार्ट द्वारा गठित समिति पर किसानों को विरोध है। इस समिति में उन लोगो को स्थान दिया गया है जो पहले से ही बिल का समर्थन कर रहे है। वक्ताओं ने तत्काल बिल को रद्द करने की मांग की, साथ ही आगामी गणतन्त्र दिवस यानि 26 जनवरी को कृषि कानून के विरोध में बड़े आन्दोलन की चेतावनी दे डाली। सभा के बाद गल्ला मण्डी से डी.डी. चैक तक एक रैली भी निकाली गई जिसमें जमकर केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई, रैली में मौजूद लोगो ने जमकर नारेबाजी करते हुए केन्द्र सरकार पर किसान बिल को थौपने का अरोप लगाया। रैली के अन्त में किसान बिल की प्रतियों को आग के हवाले किया गया। इस दौरान कांग्रेस नेता संदीप चीमा ने कहा कि सरकार किसान विरोधी बिल को जबरन थौपना चाहती है जिसे कतई स्वीकार नही किया जायेगा। उन्होने देश की आजादी में सिक्खों के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार जल्द नये कृषि काले कानून को वापस ले, बिल के वापसी से काई समझौता नही किया जायेगा, किसान किसी के भी बहकावे या कमेटी के झांसे में नही आने वाला है। वही इस दौरान तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तेजेन्द्र सिंह विर्क ने कहा कि बिल के विरोध में देश का किसान अपनी जान दे रहा है लेकिन सरकार किसान की ओर कोई ध्यान नही दे रहा है। उन्होने कहा कि इस मामले में जल्द उचित निर्णय लेने की जरूरत है नही तो किसान आन्दोलन को और तेज किया जायेगा।