हिंदी दिवस विशेष- 2050 तक दुनिया का शायद हर पांचवा व्यक्ति हिंदी में बात करे।

राष्ट्र भाषा के बिना राष्ट्र गूंगा होता है" हिंदुस्तान की राष्ट्र भाषा हिंदी आज विश्व स्तर पर इंटरनेट की सबसे बड़ी भाषा बन चुकी है, जिसने अंग्रेजी भाषा को भी पछाड़ कर रख दिया है। हिंदी भाषा को आज़ादी के दो साल बाद ही भारत की आधिकारिक भाषा की मान्यता मिल गयी थी।आज हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारी भाषा हिंदी अब ग्लोबल हो गयी है, इतना ही नही विश्व की सबसे बड़ी ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में 18 हज़ार शब्द हिंदी के शामिल किए गए हैं।दुनिया आज हिंदी का लोहा मान रही है,आज 14 सितंबर को  हिंदी दिवस के रूप में पूरी दुनिया मे हिंदी ही हिंदी का गुण गान हो रहा है।हिंदी भाषा को वैश्विक मंच का मिलना ये साबित करता है कि दुनिया कितनी भी बदल जाये पर भारत की हिंदी भाषा आज भी दुनिया की सबसे ताकतवर भाषा मानी जाती है।भारत के नेता या अभिनेता जब वैश्विक स्तर पर अपनी बात हिंदी में रखते है तो शायद ही कोई भारतीय ऐसा होगा जिसे अपनी मातृभाषा को विदेशी भूमि पर सुनने में गर्व महसूस ना होता हो। 


1977 में भाजपा सरकार विदेश मंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र के 32वें अधिवेशन में जब हिंदी में भाषण दिया था तब दूरदर्शन पर आ रहे समाचारों से उस वक्त भारतीयों की नज़र रही थी। वसुधैव कुटुंबकम की परिकल्पना को समझाते हुए अटल बिहारी जी ने पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में देख कर ये साबित कर दिया था कि आज भी भारत धर्मनिरपेक्ष देश है जो हर धर्म,हर देश को अपना ही परिवार समझता है।


हिंदी दिवस भारत मे 14 सितंबर को भारत मे मनाया जाता है ।14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है। एक तथ्य यह भी है कि 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी के पुरोधा व्यौहार राजेन्द्र सिंहा का 50-वां जन्मदिन था, जिन्होंने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए बहुत लंबा संघर्ष किया। 1918 में गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था। वर्ष 1949 में स्वतंत्र भारत की राष्ट्रभाषा के प्रश्न पर 14 सितम्बर 1949 को काफी विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया जो भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की अनुच्छेद 343(1) में वर्णित है। इसके अनुसार संघ की राष्ट्रभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी।

हिंदी को और ज़्यादा लोकप्रिय बनाने में भारतीय सिनेमा का भी एक बड़ा योगदान रहा है।बॉलीवुड फिल्मों और हिंदी फ़िल्मी गीतों को विश्व पटल पर भी खूब पसंद किया जाता है,खासकर रूस,अमेरिका, इंग्लैंड, चीन,और अरब देशों में बॉलीवुड फिल्मों के दीवाने मौजूद हैं। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ज़्यादातर हिंदी भाषा का ही प्रयोग करते है और करोड़ो लोग उनकी फैन फॉलोइंग लिस्ट में शामिल हैं भारत के पीएम नरेंद्र मोदी भी ज़्यादातर अपने भाषणों में हिंदी भाषा का ही इस्तेमाल करते हैं और आज के दौर में नरेंद्र मोदी के मुकाबले शायद ही कोई इंटरनेट में ट्रेंड करता हो। हिन्दी भाषा की महत्ता को समझते हुए अभी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपना ट्वीटर एकाउंट हिंदी में शुरू किया इसके लिए बाकायदा एक हिंदी में वेबसाइट भी बनाई गई ।

आज पूरी दुनिया मे एक अरब 30 करोड़ से ज़्यादा लोग हिंदी बोलने और समझने में खासे निपुण हैं।इंटरनेट पर आज हिंदी की 94% मांग बनी हुई है,फिल्मों से लेकर अख़बारों और न्यूज़ चैनलों तक मे हिंदी का ही बोलबाला है। दुनिया के 176 विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है ये किसी गौरव से कम नही है।आपको सुनकर ताज्जुब होगा हिंदी भाषा के कई शब्दों को अंग्रेज तो अंग्रेज और भी कई विदेशी भाषायी लोग इस्तेमाल करते है जैसे- जंगल,कर्मा,योगा, लूट,ठग,अवतार,बंगला इत्यादि।ये शब्द हिंदी से ही अंग्रेजी में बने है।हिंदी भाषा को आज विश्व स्तर पर इतना पसंद किया जा रहा है कि 2050 तक दुनिया का शायद हर पांचवा व्यक्ति हिंदी में बात करे।



फ़ोटो साभार:- गूगल