"कोरोना कहर" के चलते सऊदी अरब ने पवित्र यात्रा "उमरा" पर लगाई रोक,पहली बार मक्का में पसरा सन्नाटा।

कोरोना वायरस ने अपनी जड़े पूरी दुनिया मे फैलानी शुरू कर दी है,भारत मे जहाँ सभी शैक्षणिक संस्थानो को बंद कर दिया गया है ,अदालतों में भी सिर्फ अर्जेंट केस की ही सुनवाई होगी,मंदिरों तक मे भगवान मास्क पहने दिखाई दे रहे हैं तो वही मुस्लिमों के लिए पवित्र स्थल मक्का और मदीना की यात्रा पर भी सऊदी अरब ने रोक लगा दी है।कोरोना का असर अब धार्मिक स्थलों में भी देखने को मिल रहा है ।सालाना हज यात्रा से पहले सऊदी अरब ने यह अहम फैसला लिया है। अब तक मध्य पूर्व के देशों में कोरोना के संक्रमण के 220 मामले सामने आ चुके हैं। मक्का के अलावा अरब ने मदीना में स्थित पैगंबर मोहम्मद की मस्जिद की यात्रा पर भी रोक लगा दी है। तेल के मामले में समृद्ध सऊदी अरब के इस फैसले से पता चलता है कि वह कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर कितना संजीदा है।


सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि हमने सभी देशों के एंट्री वीजा को निलंबित करने का फैसला लिया है। मंत्रालय ने कहा, ‘कोरोना वायरस को रोकने के लिए सऊदी अरब भी दुनिया के साथ है। हमने अपने देश के नागरिकों को भी हिदायत दी है कि कोरोना वायरस से प्रभावित देशों की यात्रा करने से बचें।’ हम दुआ करते हैं कि खुदा पूरी मानवता को इस वायरस से बचाए।




मध्य पूर्व के देशों में कोरोना से सबसे ज्यादा ईरान प्रभावित है। यहां तक कि ईरान के उप-स्वास्थ्य मंत्री इराज हरीरकी भी इससे प्रभावित हैं और उन्हें इलाज के लिए अलग रखा गया है।कोरोना वायरस की आशंका के चलते ही इस्लाम के पवित्र शहरों में साल भर चलने वाले "उमरा" तीर्थ यात्रा को स्थगित कर दिया है। इस फैसले से वार्षिक हज यात्रा पर भी अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं, सऊदी ने कहा कि चूंकि उमरा में लाखों लोग यहां आते हैं, जिसे देखते हुए इसे स्थगित करने का फैसला बड़ा असर डालेगा।

गौरतलब है कि सऊदी अरब में स्थित मक्का और मदीना में उमरा करने के लिए हर महीने हजारों लोग पहुंचते हैं। बता दें कि चीन में भले ही कोरोना वायरस के संक्रमण के नए मामले आने की रफ्तार धीमी पड़ गई है, लेकिन मध्य पूर्व के देशों में लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं।