211 गायकों ने एक साथ एक स्वर में गाया गाना, आखिर ऐसा क्या है उस गाने में?

कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच आशा भोसले, एसपी बालासुब्रह्मण्यम, सोनू निगम, कैलाश खेर, अनुराधा पौडवाल जैसे देश के 211 बड़े गायकों ने एक स्वर में एक गाना ”जयतु भारतम्, जयतु भारतम्, वसुदेव कुटुम्बकम’ रिकॉर्ड किया हैं । 200 से अधिक गायकों द्वारा गाए इस गाने को शंकर महादेवन ने संगीतबद्ध किया हैं । वहीं इस गाने के बोल गीतकार प्रसून जोशी ने लिखा है। एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह गाना ‘आत्मनिर्भर भारत को दर्शाता’ है।

‘जयतु भारतम्, जयतु भारतम्’ में संस्कृत, तमिल, तेलुगु, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, गुजराती, मराठी, बंगाली, पंजाबी, आसामी और भोजपुरी सहित 16 भारतीय भाषाओं और बोलियों को शामिल किया गया है। आशा भोसले, अलका याग्निक, अनूप जलोटा, हरिहरन, एसपी बालासुब्रह्मण्यम, कैलाश खेर, कविता कृष्णमूर्ति, कुमार सानू, सोनू निगम जैसे गायकों ने इस गाने को बनाने में सहयोग किया है। वीडियो के माध्यम से कोरोना वायरस के प्रकोप के लड़ रहे कोरोना योद्धाओं को भी वंदन किया गया हैंl इस गाने को गायकों ने अपने घर से रिकॉर्ड किया है।

यह गीत हर किसी को उत्साहित और प्रेरित करने वाला है। इसमें आत्मनिर्भर भारत के लिए सुरों से सजा उद्घोष है।नमस्कार.हमारे Iआईएसआरए के बहुत गुणी 211 कलाकारों ने एक होकर आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित इस गीत का निर्माण किया है ,जो पूरे भारत की जनता को और हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदीजी को हम अर्पण करते हैं.जयतु भारतम के बोल काफी जोशीले हैंl इसके चलते गाना सुनने और देखने में और अच्छा लग रहा हैं । कुछ ही समय में यह वायरल हो जाएगा और लोगों की जुबां पर चढ़ जाएगाl इस गाने में शंकर महादेवन ने पूरे देश को एक साथ लाने की कोशिश की हैं । जोकि सफल भी हुई हैंl इस गाने के बारे में लता मंगेशकर ने लिखा, ‘नमस्कार, हमारे आईएसआर के बहुगुणी 211 कलाकारों ने एक होकर आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित इस गीत का निर्माण किया हैं,जो पूरे भारत की जनता को और हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदीजी को हम अर्पण करते हैं । 

जयतु भारतम्  इस गाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संज्ञान लिया हैं और उन्होंने गायकों को बधाई देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है,‘यह गीत हर किसी को उत्साहित और प्रेरित करने वाला है। इसमें आत्मनिर्भर भारत के लिए सुरों से सजा उद्घोष है।’