अब गंगा किनारे ग्राम पंचायतों में होगी जैविक कृषि

राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता एवं निर्मलता के लिए संचालित नमामि गंगे परियोजना अब गंगा किनारे बसे गांवों में खेती की तस्वीर भी बदलने जा रही है। वहां खेती में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग नहीं होगा, ताकि भूमि में मौजूद जहरीले तत्व गंगा जल में न जाने पाएं। इसी कड़ी में स्वच्छता एक्शन प्लान नमामि गंगे क्लीन अभियान के तहत देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तराखंड में भी 42 ग्राम पंचायतें चयनित की गई हैं, जिनमें केंद्र की परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए राज्य का कृषि महकमा कार्ययोजना तैयार करनें में जुटा हुआ है। उत्तराखंड के लिहाज से यह योजना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योकि गंगा का उद्गम स्थल इसी राज्य में हैं। गोमुख से लेकर हरिद्वार तक राज्य की सीमा में गंगा किनारे कई गांव बसे हैं। वहां भी खेती में अधिक पैदावार के लिए रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग होता है, जिससे भूमि व  फसलें दोनों जहरीली हो रही हैं। इस सबको देखते हुए ही स्वच्छता एक्शन प्लान, नमामि गंगे क्लीन अभियान के तहत गंगा किनारे के गांवों में जैविक खेती को बढ़ावा देने का निश्चय किया गया है।