आयुर्वेदाचार्य डिग्री धारक ने लील ली दो नवजातों की जिंदगी !

जिला ऊधम सिंह नगर मुख्यालय में स्थित कई कालोनियों में जच्चा बच्चा के जीवन से खिलवाड़ का सिलसिला कम होने का नाम ही नही ले रहा है । जिला अस्पताल और नामी गिरामी अस्पताल होने के बाबजूद चंद पैसों की चाह में कुछ आयुर्वेदाचार्य व फर्जी  डॉक्टर प्रशासन की नाक के नीचे  100% नार्मल डिलीवरी के नाम पर जच्चा बच्चा के जान से खिलवाड़ कर रहे है । ऐसे में जीरो टोलरेंस का दम भरने वाली राज्य सरकार जहां आम जनता , गर्ववती महिलाओं को उच्च स्वास्थ्य सुविधाएं को मुहैया कराने के बड़े बड़े दावे करती है लेकिन धरातल पर ऐसे फ़र्ज़ी डॉक्टर्स राज्य सरकार को ठेंगा दिखाते नजर आ रहे है ।


 ताजा मामला और जानकारी के मुताबिक शहर के शांति विहार कालोनी में आयुर्वेदिक उपचार की डिग्री पर एक महिला ने निजी अस्पताल खोल रखा है जहाँ आये दिन गर्भवती महिलाओं की डिलिवरी की जाती है । बीते दो दिन पूर्व दो गर्भवती महिलाओं ने नॉर्मल डिलीवरी के दौरान अपने दो नवजातों बच्चों को खो दिया ।

जानकारी के अनुसार होली के बाद बुधवार की रात को शहर के दो अलग अलग परिवारों ने अपने घर की गर्भवती महिलाओं को शांति विहार कॉलोनी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था । जहां की संचालिका स्वयं को आयुर्वेद से डॉक्टर बताती है और सौ प्रतिशत साधारण डिलीवरी का आश्वासन भी देती है लेकिन नार्मल डिलीवरी के नाम पर  एक के बाद एक दोनों ही गर्भवती महिलाओं ने अपने नवजात बच्चों को महिला चिकित्सक की अज्ञानता और  लापरवाही के चलते खो दिया । पीड़ित परिवारों ने बताया कि अस्पताल की महिला डॉक्टर ने उन्हें 100% नॉर्मल डिलीवरी का आश्वासन दिया था  जिस पर दोनों परिवारों ने अपनी घर की गर्ववती महिलाओ को वहां भर्ती करवाया था , मगर बाद में दोंनो ही महिलाओ को ऑपरेशन से डिलीवरी करवानी पड़ी । परिजनों ने कहा की अगर  महिला चिक्तिसक को  महिलाओं की डिलीवरी का सही ज्ञान होता तो बच्चों की जान आसानी से बचाई जा सकती थी । लेकिन महिला डॉक्टर ने डिलीवरी केस को पूरी तरह से बिगड़ने के  बाद बाहर से किसी अन्य डॉक्टर को बुलाकर उनके साथ मिलकर अंत समय मे जल्दबाजी में ऑपरेशन किया । परिजनों ने ये भी बताया कि बाद में बिगड़ी परिस्थिति को सभालने के लिए महिला डाक्टर ने जिला अस्पताल में कार्यरत कुछ डाक्टरों को बुलाया था । ऐसे में यह सवाल भी खड़ा होता है कि आखिर कैसे जिला अस्पताल के डॉक्टर किसी आयुर्वेदिक महिला के अस्पताल में जाकर इलाज कर सकते है ? 

 वही ऑपरेशन के बाद एक महिला की हालत बिगड़ने पर उसे कही अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहाँ डाक्टरों ने महिला के पेट का एक्सरे करने के बाद गलत ऑपरेशन की बात कही है । वही उसका अब सही इलाज किया जा रहा है ।

 आवाज उत्तराखंड और हमारी पूरी टीम आप सभी आम जन मानस से निवेदन करती है कि आप ऐसे लोगों के झाँसे में आकर अपने नवजात की जान को खतरे में ना डालें और जांच परख कर   इलाज कराएं जिससे  सही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो ।  वैसे भी जिला मुख्यालय के जिला अस्पताल में जच्चा बच्चा के लिए बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध हैं ऐसे में आप किसी अशिक्षित डाक्टरों से इलाज ना कराएं ।