उत्तराखंड:आज भी है रक्षाबंधन लेकिन तिवारी समुदाय के लोगों की बड़ी दिलचस्प है इसके पीछे की मान्यता

अगर आप देवभूमि उत्तराखंड के निवासी है तो आपके लिए ये खबर चौकाने वाली या आश्चर्य जनक नही है क्योंकि आपको तो शत प्रतिशत पता ही होगा कि आज भी रक्षाबंधन का त्यौहार है।जिन्हें ये नही पता उन्हें हम बात देते हैं कि हरतालिका पर्व पर तिवारी (समुदाय) लोग आज के दिन रक्षाबंधन मना रहे हैं,हर साल तिवारी लोग हरतालिका के ही दिन रक्षाबंधन मनाते है जबकि पूरा भारत हरतालिका से पहले ही रक्षाबंधन मना चुका होता है। तिवारी समुदाय के लोग आज उपाकर्म के बाद नई जनेऊ धारण करते हैं,ऐसा सिर्फ उत्तराखंड के तिवारी ही नहीं बल्कि मैदानी क्षेत्रों में भी सामवेदी तिवारी व त्रिपाठी समुदाय के लोग श्रावणी पूर्णमासी की जगह हरितालिका तृतीया को उपाकर्म कर जनेऊ बदलते हैं और आज ही के दिन रक्षाबंधन का त्यौहार भी मनाते हैं। इसके पीछे कई मान्यताएं है सामवेदी और कोसमनि शाखा के तिवारी आम लोगों के साथ रक्षाबंधन नहीं मनाते क्योंकि कहा जाता है कि ब्रह्मा की ओर से यज्ञोपवित बांटे जाने के समय इस समुदाय के लोग नहीं पहुंच पाए थे,जिसकी वजह से इस समुदाय को यग्योपवित इन्हें नही मिल पाया और ये अपना जनेऊ नही बदल पाए।

एक और मान्यता के अनुसार ये समुदाय गौतम ऋषि का अनुयायी है।,एक बार की बात है जब गौतम ऋषि किसी विवाद में उलझ गए, इस वजह से हस्त नक्षत्र का समय निकल गया, जिस वजह से ये समुदाय जनेऊ बदलने में असमर्थ हो गया,इसके बाद हस्त नक्षत्र भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया यानी हरतालिका के दिन पड़ा,तभी से तिवारी समुदाय के लोग आज ही के दिन यानी हरतालिका के दिन रक्षा बंधन मनाते आ रहे हैं।