उत्तराखंड: पाताल भुवनेश्वर की गुफा में छुपा है धरती की प्रलय का रहस्य!अलौकिक गुफा में है कई चमत्कारी दृश्य

उत्तराखंड की पावन भूमि में ऐसे कई रहस्य छुपे है जिन्हें जानकर आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे,यहां कई मंदिर और गुफाएं जो दर्शनीय होने के साथ साथ अपने अंदर कई तरह के रहस्यों को छुपाए हुए हैं।आज हम ऐसी ही एक गुफा के बारे में बताने जा रहे हैं जो धरती पर प्रलय आने की चेतावनी देती है जी हाँ ये गुफा उत्तराखंड के कुमाऊँ मण्डल के गंगोलीहाट में है

इस गुफा की खोज राजा ऋतुपर्णा ने की थी, जो सूर्य वंश के राजा थे और त्रेता युग में अयोध्या पर शासन करते थे, स्कंदपुराण में वर्णन है कि स्वयं महादेव शिव पाताल भुवनेश्वर में विराजमान रहते हैं और अन्य देवी देवता उनकी स्तुति करने यहां आते हैं,ऐसा भी कहा जाता कि राजा ऋतुपर्ण जब एक जंगली हिरण का पीछा करते हुए इस गुफा में प्रविष्ट हुए तो उन्होंने इस गुफा के भीतर महादेव शिव सहित तैंतीस कोटि देवताओं के साक्षात दर्शन किये थे। द्वापर युग में पाण्डवों ने यहां चौपड़ खेला और कलयुग में जगदगुरु आदि शंकराचार्य का 822 ई के आसपास इस गुफा से साक्षात्कार हुआ तो उन्होंने यहां तांबे का एक शिवलिंग स्थापित किया।प्रलय के बारे में ऐसा कहा जाता है इस गुफा में शिवलिंग के आकार के चार स्तंभ एक सपाट पत्थर में प्राकृतिक रूप से लगे हुए हैं जिन्हें सतयुग,त्रेता,द्वापर, और कलियुग के प्रतीक माना जाता है, पहले तीनो स्तंभों का आकार एक समान है लेकिन कलयुग के स्तम्भ का आकार प्रत्येक 7 करोड़ वर्ष में एक इंच बढ़ता है जिसके ऊपर एक पिंड भी नीचे की ओर लटकता हुआ साफ दिखाई देता है कहते है जिस दिन कलयुग स्तम्भ और पिंड का आपस मे मिलन हो जाएगा उस दिन धरती पर प्रलय आ जायेगी।

इस गुफा में प्रवेश करने पर भी आपको अलौकिक एहसास होगा

इस प्राचीन गुफा के अंदर जाने के लिए लोहे की जंजीरों का सहारा लेना पड़ता है यह गुफा पत्थरों से बनी हुई है इसकी दीवारों से पानी निकलता रहता है जिसके कारण यहां के जाने का रास्ता बेहद चिकना है। गुफा में शेष नाग के आकर का पत्थर है उन्हें देखकर एसा लगता है जैसे उन्होंने पृथ्वी को पकड़ रखा है।गुफा में आगे बढ़ने पर आपको भगवान गणेश का मस्तक दिखाई देगा जिसे अगर आप गौर से देखेंगे तो पता चलेगा कि ये मस्तक शिव जी ने ही काटा था मस्तक के अंदर आप देखेंगे श्वास नली इत्यादि साफ साफ दिखाई देती हैं।इसके आगे जाने पर आपको शिव जी की जटाएं लटकी हुई दिखाई देंगी जिनमे से गंगाजल के समान शुद्ध जल निकलता है ये जटाएं सफेद और भूरे रंग की है कुछ और आगे जाने पर आपको कुंड दिखाई देगा जिसका जल मानसरोवर के जल के बराबर ही पवित्र माना जाता है।कहते है अगर अपने पातालभुवनेश्वर की गुफा के अंदर जाकर दर्शन कर लिए तो आपके चारो धाम के दर्शन हो गए।