उत्तराखंड: माँ पूर्णागिरी में भी अब जल्द बनेगा रोपवे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने परमिट के लिए केंद्र को भेजा प्रस्ताव

उत्तराखंड में रोपवे योजनाओं के तहत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अब पूर्णागिरी में भी रोपवे बनाने की योजना पर काम चल रहा है,पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी।


उन्होंने बताया कि चीन सीमा से सटे उत्तरकाशी की नेलांग घाटी, गर्तांगली, चमोली जिले के टिम्मरसैंण महादेव समेत अन्य क्षेत्रों को इनर लाइन की बंदिशों से छूट देने के संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री और रक्षामंत्री को पत्र भेजे गए थे।इससे सीमांत गांव में पर्यटन को और ज़्यादा बढ़ावा मिलेगा,रोजगार के अवसर पैदा होंगे और गांव भी आबाद होंगे ।


कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि शीतकालीन पर्यटन के साथ ही सीमांत गांवों से पलायन रोकने के लिए जरूरी है कि इन क्षेत्रों को इनर लाइन की बंदिशों से मुक्त किया जाए। इसके लिए देशवासियों के लिए परमिट की शर्तें आसान की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि इनर लाइन की बंदिशों से छूट मिलने पर नियंत्रित संख्या में पर्यटन-तीर्थाटन बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि शीतकाल में टिम्मरसैण महादेव एक बड़े यात्रा स्थल के रूप में तैयार होगा। टिम्मरसैंण में अमरनाथ की तरह प्राकृतिक रूप से शिवलिंग बनता है।उन्होंने ये भी कहा कि पिथौरागढ़ के नाभीढांग, ओम पर्वत, कुटी गांव, व्यासगांव, चमोली का द्रोणागिरी, भविष्य बदरी समेत अन्य क्षेत्रों के भी इनर लाइन के दायरे से मुक्त होने पर वहां पर्यटन की संभावनाएं और अधिक बढ़ जाएंगी। सतपाल महाराज ने बताया कि उन्होंने केंद्र सरकार से प्रस्ताव देकर आग्रह किया गया है कि हिमाचल के किन्नौर की तर्ज पर उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों को भी इनर लाइन की बंदिशों से छूट दी जाए। इससे सीमांत क्षेत्रों के गांव भी आबाद हो सकेंगे, जो सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी है।