उत्तराखंड सरकार और स्थानीय नेता रहते हैं नींद में राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी ने उठाया कदम लगातार हो रहे हादसों पर अब लगेगा विराम

दर्जनों जिंदगी हर वर्ष आपदा की वजह से उत्तराखंड में खत्म हो जाती है। कई परिवारो के चिराग और सदस्य आपदा की भेंट चढ़ जाते हैं। ऐसे ही कई नदी नाले जो कि नेशनल हाईवे से होकर बहते हैं ऐसे गढ़वाल और कुमाऊं दोनों ही क्षेत्र में अधिकतर बरसाती नाले नेशनल हाईवे और ग्रामीण मार्गों से होकर सड़क के ऊपर से बहते हैं। 


इस वक्त हम बात कर रहे हैं रामनगर से गढ़वाल को जोड़ने वाले और रानीखेत अल्मोड़ा को जाने वाले मार्ग के बिच मे पडता है। धनगढ़ी नाला इसी नाले से होकर यात्रियों को गुजरना पड़ता है। इस धनगढ़ी नाले में पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो यहां दर्जनों जिंदगी इस नाले की भेंट चढ़ चुकी है। कई गाड़ियां बरसाती नाले के रौद्र रूप में बह गई और कई जिंदगियां हमेशा हमेशा के लिए मौत की नींद सो गई।




धनगढ़ी पुल की लंबाई 150 मीटर है जो कि 7.65 करोड़ की लागत से बनेगा। वहीं पनोद बरसाती नाले की लंबाई 90 मीटर है जो कि 6.34 करोड़ की लागत से बनकर तैयार होगा।


इस नाले पर लगातार हो रहे हादसों के बाद यह खबर राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के पास तक पहुंची फिर जाकर सांसद साहब ने इसका बीड़ा उठाया और लगातार केंद्र सरकार से इस पुल की सिफारिशें करते हुए पुल की फाइल को पास कराकर ही दम लिया। अब इस पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। लोगों ने इस खबर के बाद से राहत की सांस ली। वहीं स्थानीय और शासन और स्थानीय नेताओं में इस खबर के बाद से खुशी की लहर है क्योंकि लगातार हर वर्ष यहां दर्जनों मौतें होती थी लेकिन अब जाकर इन दोनों बरसाती नालों पर पुल का कार्य जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा और लगातार इन बरसाती नालों पर हो रहे हादसों पर विराम लग सकेगा और यहां से यात्री सकुशल अपना सफर तय कर पाएंगे। वहीं स्थानीय जनता और स्थानीय नेताओं ने राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी जी का धन्यवाद अदा किया और जनता के हितों में लगातार कार्य करने का सांसद साहब से आग्रह किया।