उधम सिंह नगर:हिस्ट्रीशीटर त्रिनाथ विश्वास एक बार फिर विवादित सुर्ख़ियों में ,उनकी समाज सेवा पर लगे गंभीर आरोप

वर्तमान समय में शोषक वृत्ति के साथ-साथ सेवावृत्ति भी बढ़ी है। सेवा करने का दायरा बहुत बड़ा है। समाज सेवा एक ऐसा शब्द है जो कतिपय उन कार्यों से जोडा जाता है वह किये तो दूसरों के जाते हैं पर उसमें कार्यकर्ता की अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा बढाने में सहायक होते है कहीं न कहीं तो इसके लिए उनको फायदा भी होता है और समाज सेवा के नाम पर कुछ लोग अपनी राजनीति भी चमकाते हैं । 

कुछ ऐसे ही मामला ऊधम सिंह नगर के जिला मुख्यालय से सटे दिनेशपुर के कालीनगर क्षेत्र से सामने आया है।  क्षेत्र के रहने वाले और कई और राजनीतिक दलों के साथ अपने आपसी फायदे के लिए राजनीति खेल ने वाले त्रिनाथ पर उन्हीं के क्षेत्र में रहने वाले कांग्रेस के नेता किशोर कुमार ने उन्हें मानसिक और शारीरिक से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया हैं । 


आपको बता दें ये वही त्रिनाथ है जो कुछ दिन पहले फर्जी तरीके से जिला पंचायत सदस्य बनने के लिए काफी चर्चाओं में थे। त्रिनाथ ने उस वक्त भाजपा में रहते हुए भाजपा के कई नेताओं पर आरोप लगाए थे । फर्जी तरीके से चुनाव लड़ने के आरोप में जिला पंचायत उपाध्यक्ष की कुर्सी गवा के बाद भाजपा ने भी त्रिनाथ को भाजपा पार्टी से निष्कासित कर दिया था। कुछ दिन पहले ही आमआदमी पार्टी (आप ) के साथ राजनीतिक करियर की नई शुरुआत करते हुए क्षेत्र से विधायक की चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके है।


वही अपने क्षेत्र के दिनेशपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर त्रिनाथ विश्वास पर एक बार फिर उन्हीं के घर के पास रहने वाले और कांग्रेस नेता किशोर कुमार ने आपसी रंजिश के चलते उनके निजी मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया है। किशोर  के आरोपों की माने तो किशोर की धर्मपत्नी ने उनके साथ बेवफाई करते हुए उनको छोड़कर किसी और के साथ अपने घर बसाने का फैसला कर किशोर का घर छोड़ दिया।  इस मामले में त्रिनाथ ने राजनीतिक मैदान में हुए राजनीतिक लड़ाई का बदला लेने की मंशा से कई साजिश किए।  किशोर का आरोप है कि उनकी धर्मपत्नी के घर छोड़ने के बाद मामले में शामिल किशोर की पत्नी के नाबालिक प्रेमी के घर वालों का साथ देते हुए त्रिनाथ ने उन्हे मानसिक और शारीरिक नुकसान पहुंचाने की भरपूर कोशिश की । इतना ही नही आरोप है कि किशोर के ससुराल को भी इस मामले में त्रिनाथ ने गुमराह करते हुए उनके खिलाफ भड़काने का काम किया ।


ऐसा नहीं है कि त्रिनाथ पर पहली बार इस तरीके के आरोप लगे हैं । इससे पहले भी त्रिनाथ पर दो परिवारों के मामले में समाज सेवा के नाम पर राजनीति करने के आरोप लग चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि त्रिनाथ के समाज सेवा से परेशान होकर एक युवक ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी । ऐसे में त्रिनाथ के समाज सेवा और राजनीति पर बड़े प्रश्नचिन्ह लगते हैं कि समाज सेवा के बड़ा दिखावा करने वाले श्रीनाथ आखिर क्यों लोगों की आपसी मामले में टांग अड़ाकर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं । एक तरफ समाज सेवा का दिखावा तो दूसरी ओर राजनीतिक चमकाने के साथ आपसी बदला लेना कितना उचित है  । 


समाज के लोगों को भी ऐसे समाजसेवियों का बहिष्कार करना चाहिए जो समाज सेवा के नाम पर सिर्फ दिखावा कर अपनी राजनीति चमकाने के लिए और आपसी रंजिश का बदला लेने के लिए दूसरों के निजी मामले में टांग अड़ा कर उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप परेशान करते हैं ।