एक वाहन ने आपदा प्रबंधन कर्मियों के छुटाये पसीने

वैसे तो आपदा प्रबंधन लोगों को राहत बचाव के लिए जाना जाता है लेकिन जब खुद आपदा प्रबंधन केंद्र पर आपदा या आफत आ जाये तो कौन राहत का प्रबंध करे | जी हाँ ऐसा ही एक वाकिया एक घटना टिहरी आपदा प्रबंधन केंद्र में होते होते टल गई | आपदा प्रबंधन केंद्र में दो पिकअप वाहन कुछ सामान लेकर आये शायद कुछ आपदा प्रबंधन से हो दोनों में से एक वाहन तो बाहर ही खडा था लेकिन दूसरे पिकअप वाहन ने केंद्र से बाहर निकलने में कर्मचारियों के जो पसीने छुटाये और पिकअप वाहन ने आपदा केंद्र के आँगन में जो आपदा मचाई वो भी देखने लायक थी| वाहन ने जैसे ही बाहर आना चाहा तो हो चुकी बरसात के कारण मिटटी गीली होने से टायर स्लिप हो गये और वाहन पीछे खिसक गया और ड्राइवर जैसे ही गाडी को स्टार्ट करके आगे लाने का प्रयास करता तो गाडी आगे आने की बजाये पीछे फिसल जाए ओ तो शुकर है भगवान् का जो बगल में एक बडे से पेड़ पर गाडी अटकी रही नहीं तो पीछे गाडी पलट जाती और कोई दुर्घटना भी हो सकती थी | प्रत्यक्षदर्शी का कहना है की जो बड़े बड़े दावे आपदा प्रबंधन करता है की हम किसी भी आपदा के लिए तैयार है तो इस बात से उनकी तैयारी दिख गई है कि अपने ही केंद्र में फंसे एक वाहन को निकालने में 3 से 4 घंटे लगा दिये तो जिले के अन्य आपदा ग्रसित छेत्रों की क्या स्थिति होगी ये इससे अंदाजा लगा सकते हैं |