कल रात यानि शुक्रवार 11 बजकर 15 मिनट पर लगेगा इस साल का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण

5 और 6 जून को साल का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण लगने जा रहा है, जिसे पूरे भारत मे देख जा सकता है। चंद्र ग्रहण के चलते चंद्रमा की ऊर्जा को कम रोशनी में देखा जा सकता है।

आपको बताए की आखिर चन्द्र ग्रहण क्या है ? और ये कब कब होता है ? और इसके क्या प्रभाव होते है ?

जिस दिन पृथ्वी, सूर्य और चन्द्रमा एक सीध पर आ जाते है जिस कारण पृथ्वी से चंद्रमा को देखना संभव नही हो पाता है उस दिन चन्द्र ग्रहण होता है इसका प्रभाव पूरे विश्व में देखा जाता है। चन्द्र ग्रहण केवल पूर्णिमा के दिन ही होता है जबकि पूर्णिमा प्रत्येक माह में एक बार आती है। चन्द्र ग्रहण की बात करे तो चन्द्र ग्रहण साल भर में तीन से चार बार देखे जा सकते है, और चन्द्र ग्रहण दो प्रकार के होते है पहला सर्वग्रास चंद्रग्रहण और दूसरा खंडग्रास (उपच्छाया ) चंद्र ग्रहण ।

कुल सर्वग्रास चंद्रग्रहण तब होता है जब पूरा चंद्रमा पृथ्वी की छाया के प्रभाव के तहत आता है ।

खंडग्रास (उपच्छाया)चंद्रग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा, और पृथ्वी, एक आदर्श सीधी रेखा में नहीं होते है। चंद्रमा पृथ्वी की छाया के प्रभाव के तहत आता है जिसबकरण चंद्रमा की छवि मंद पड़ जाती है  इस प्रकार के ग्रहण को देखने मे कठिनाई होती है ।

बात करें अगर इस बार के चंद्र ग्रहण की तो स्थिति इस प्रकार की होगी चन्द्रग्रहण को 3 घंटे 43 मिनट तक देखा जा सकेगा, ये चंद्रग्रहण कल रात 11 बजकर 15 मिनट से दिखना शुरू होगा और जो देर रात 2 बजकर 43 मिनट तक दिखाई देगा, और रात 12 बजकर 20 मिंट पर ये चंद्र ग्रहण बेहद दिलचस्प दिखेगा, वही नैनीताल के आर्यभट्ट रिसर्च संस्थान के वैज्ञानिक इस पूरी खगोलीय घटना पर नजर बनाये हुए है, इस बार यह ग्रहण ज्येष्ठा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में होने वाला है । चंद्रग्रहण यूरोप , एशिया , ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के ज्यादातर हिस्सों में दिखाई देगा । 



चंद्रग्रहण से पड़ने वाले प्रभाव की बात करें तो आर्यभट्ट रिसर्च इंस्ट्यूट ऑफ ओब्सेर्वेशनल साइंस (एरीज) नैनीताल के वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण से कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है चंद्रग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है तो ऐसे में समुंद्र में ज्वार भाटा आएगा जो एक निरंतर प्रक्रिया है चंद्रग्रहण एक सामान्य भौगोलिक घटना है जो साल में दो या तीन बार लगता है ।

इस चन्द्रग्रहण के दौरान वैज्ञानिको द्धारा ये भी आशंका जताई जा रही है कि मौसम खराब होने के कारण चंद्रग्रहण का दीदार होना थोड़ा कठिन होगा हमेशा सफेद दिखने वाला चंद्रमा आज नारंगी नजर आएगा, जिसे फुल मून भी कहा जाएगा।