केदार कौतिक समय के साथ बदलता स्वरुप

उत्तराखण्ड़ के अल्मोड़ा जिले में रामगंगा व विनोद नदी के संगम तट पर बसा पौराणिक शिव मंदिर वृद्ध केदार एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।संगम तट पर बसा होने के कारण यहां गंगा स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, प्रमुख तीर्थ स्थल होने के चलते यहां लोग जनेऊ संस्कार व विवाह आदि के लिए भी पहुंचते हैं।सावन के सोमवार व शिवरात्रि के दिन यहां भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। यहां कार्तिक पूर्णिमा के दिन का बड़ा महत्व है,कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां मेला लगता है,जिसे स्थानीय भाषा में "केदार कौतिक" नाम से जाना जाता है। इस दिन यहां श्रद्धालु सुबह से ही पहुंच कर रामगंगा में आस्था की डुबकी लगाते हैं और भगवान शिव को जल चढ़ाते हैं।


ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार होता पलायन और आधुनिकता की दौड़ का असर इस केदार के कौतिक पर भी पड़ने लगा जहां पहले इस मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे, अब यह संख्या लगातार घटती जा रही है। पहले इस मेले का आयोजन आस-पास के गांव अफौं, सटेड, केदार, रोटापानी के गांव के लोग मिलकर कराते थे, और मेले में व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्कूल व कॉलेज के छात्रों का सहयोग लिया जाता था। लेकिन अब मंदिर समिति इस मेले का आयोजन कराती है और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी करती है। प्राचीन काल से ही कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला यह मेला न सिर्फ लोगों की धार्मिक आस्था से जुड़ा था बल्कि बल्कि छोटे व्यापारियों और स्थानीय दुकानदारों के लिए व्यापार का केन्द्र भी था, कुछ वर्षों पूर्व तक पहाड़ में खेती का काम निबटाने के बाद लोग इस मेले में जाने के लिए काफी उत्सुक रहते थे, उन्हें इस मेले के माध्यम से अपनी खेती में उगाए उत्पादों को बेचने के लिए बाजार भी मिल जाता था।मेले के एक दिन पूर्व से ही केदार में रामगंगा नदी के तट पर दुकानें सज जाती थी। स्थानीय लोग अपने उत्पाद मेले में बेचकर अपने घर के लिए अन्य जरुरत का सामान इन दुकानों से खरीदते थे।मूली,गढ़ेरी,भट,अखरोट,गन्ना इस मेले में खूब बिकता था।पकवानों में जलेबी मेले की शान होती थी, और छोले वाले तो हर कदम पर मिल जाते थे।यह मेला ससुराल गई बेटी का अपने मायके वालों से मिलन का केन्द्र भी होता था।आज तेजी से हो रहे पलायन व जगह-जगह पहुंची सड़कों ने इस मेले के साथ-साथ आस-पास लगने वाले अन्य मेलों के मूल स्वरूप पर भी असर डाला है, आज केदार में मंदिर का स्वरुप तो भव्य हुआ है औऱ अन्य सुविधाएं भी बड़ी हैं,लेकिन इस मेले के वो भीड़ कहीं गायब सी हो गई है। जगह-जगह बनने वाली वो जलेबी,रायता,छोले, न बनाने वाले दिखते हैं ना खरीदने वाले।


केदार मंदिर समिति केदार के इस मेले को जीवित रखने के लगातार प्रयास कर रही है और पिछले कुछ वर्षों से विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित कर इस मेले को नया स्वरुप दे रही है। कल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भी मंदिर समिति द्वारा सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा पूर्व नैनीताल सांसद करण चन्द्र सिंह व उनके सहयोगी एशियन चैंपियन राजीव चौधरी द्वारा वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों को मंदिर समिति द्वारा पुरस्कार भी वितरित किए गए। मंदिर समिति के अध्यक्ष आनंद सिंह मनराल, महासचिव तारा दत्त शर्मा, सचिव भगत सिंह, कोषाध्यक्ष व मुख्य पुजारी टीका राम डुंगरियाल ने कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों का आभार व्यक्त किया, कार्यक्रम का संचालन तारा दत्त शर्मा द्वारा किया गया।