कोरोना के खौफ में अमेरिका ने जताया भारतीय वैदिक मंत्रों पर भरोसा,प्रार्थना सभा मे गुंजा ॐ शांति शांति शांति ।

पूरी दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही है,अब तक सबसे ज़्यादा कोरोना ने अमेरिका को प्रभावित किया है ,अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मुश्किल के इस दौर में भारतीय वैदिक मंत्रों पर भरोसा होता दिखाई दिया जब अमेरिका में राष्ट्रीय सेना दिवस के मौके पर व्हाइट हाउस में सभी के स्वास्थ्य, सुरक्षा,और कल्याण के लिए एक प्रार्थना सभा का आयोजन करवाया गया और व्हाइट हाउस के रोज़ गार्डन में हिन्दू पुजारी द्वारा वैदिक मन्त्रोच्चारण के साथ वैदिक शांति पाठ करवा कर सभा सम्पन्न करवाई गई।



अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आमंत्रण पर, न्यू जर्सी के बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर के पुजारी हरीश ब्रह्मभट्ट इस मौके पर प्रार्थना करने के लिए मौजूद अन्य धर्मों के नेताओं के साथ शामिल हुए। 

ब्रहमभट्ट ने रोज गार्डन मंच से अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में कहा कि कोविड-19, सामाजिक दूरी और लॉकडाउन के इस मुश्किल भरे समय में, लोगों का बेचैनी या अशांति महसूस करना असामान्य नहीं है। शांति पाठ ऐसी प्रार्थना है, जिसमें दुनिया भर की शोहरत, सफलता, नाम की गुजारिश नहीं होती, न ही यह स्वर्ग जाने की इच्छा के लिए की जाती है। 

ट्रंप ने प्रार्थना कराने के लिए ब्रहम्भट्ट का शुक्रिया अदा किया। अपनी टिप्पणी में राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय प्रार्थना दिवस के दिन, अमेरिका बेहद भयावह बीमारी के खिलाफ उग्र जंग में उलझा हुआ है। उन्होंने कहा कि इतिहास में भी, हर प्रकार के चुनौतीपूर्ण समय में अमेरिकियों ने धर्म, आस्था, प्रार्थना और ईश्वरीय शक्ति पर भरोसा किया है। प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने कोविड-19 के कारण अपने प्रियजनों को गंवाने वाले परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की हैं।

उन्होंने संस्कृत में प्रार्थना करने से पहले कहा कि यह शांति के लिए खूबसूरत हिंदू प्रार्थना है। यह यजुव्रेद से ली गई वैदिक प्रार्थना है। इसके बाद उन्होंने इस प्रार्थना का अंग्रेजी में अनुवाद किया। ब्रह्मभट्ट ने कहा कि यह प्रार्थना स्वर्ग में शांति की बात करती है। धरती और आसमान में, जल में, पेड़-पौधों पर शांति, फसलों पर शांति हो। ब्रह्म पर शांति से लेकर हर जगह शांति हो और ईश्वर करे कि हम यह शांति महसूस कर सकें। ओम शांति, शांति, शांति।