क्या नवविवाहिता प्रीति के मौत की सुलझ पाएगी गुत्थी ?

देश की सरकारी बड़ी शान और बुलंद आवाज में बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ का नारा देती है जिसके तहत महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के तमाम दावे किए जाते हैं । लेकिन आज भी यह बातें सिर्फ कागजों, किताबों ,टीवी चैनलों और नेताओं के भाषण में ही अच्छी लगती हैं । धरातल पर आज भी देश की बेटियों और महिलाओं के साथ उत्पीड़न के नए-नए उदाहरण रोजाना देखने को मिलते हैं । आज का पढ़ा-लिखा समाज भी महिलाओं के उत्पीड़न में पीछे नहीं है । घर की चारदीवारी हो या फिर खुला समाज  रोजाना महिला उत्पीड़न की कई खबरें प्रकाश में आ रही हैं ।


ताजा मामला उत्तराखंड राज्य के ऊधम सिंह नगर जिले के दिनेशपुर का है जहां चंद रोज पहले अपने माता पिता का घर छोड़ कर दुल्हन के रूप में नई गृहस्ती और जीवन की शुरुआत करने वाली प्रीति डाली सरकार की है। प्रीति की शादी 2 मार्च 2020 को दिनेशपुर के कनिष्क सरकार से हुई थी । जिला मुख्यालय के महानगर रुद्रपुर ट्रांजिट कैंप मे रहने वाले केना डाली की पुत्री प्रीति डाली बचपन से ही काफी होशियार और समझदार थी । उत्तराखंड बोर्ड से इंटरमीडिएट पास करने वाली प्रीति ने अभी बी .ए में दाखिला ही लिया था की तब तक माता पिता ने दिनेशपुर से उसके लिए आये  शादी के रिश्ते को मंजूरी देते हुए उसकी शादी करवा दी । प्रीति की शादी के बाद उसके पिता के सरनेम की वजह उसके पति का सरनेम सरकार लगने लगा । लेकिन प्रीति को शायद यह आभास भी नहीं था कि पिता के घर को छोड़कर आई पति के संग उसका जीवन बहुत छोटा सा ही है । शादी के मेहज 4 महीने के जीवन चक्र में  शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के साथ उसकी जीवन लीला उत्पीड़न के साथ समाप्त हो जाएगी ।



जानकारी के अनुसार ऊधम सिंह नगर दिनेशपुर मे नवविवाहिता प्रीति सरकार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत घटना सामने आई है । घटना के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है । लेकिन इस दौरान प्रीति के मायके पक्ष ने उसके ससुराल पक्ष पर उसकी हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर भी सौंपी है ।  परिजनों के अनुसार प्रीति के शरीर पर चोट के काफी निशान थे।  और घटना की जानकारी प्रीति के ससुरालियों पक्ष की तरफ से ना मिलकर गांव के किसी व्यक्ति से मिली ।  वहां पहुंचने पर ससुराल पक्ष ने घटना की जानकारी छुपाते हुए बीमारी के कारण और कोरोना महामारी से प्रीति की मौत बताई । दबाव बनाने पर ही प्रीति के ससुराल पक्ष ने प्रीति के शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए तैयार हुए । प्रीति के परिजनों ने आरोप लगाया है कि कनिष्क सरकार नशेड़ी किस्म का व्यक्तित्व वाला था । शादी से पहले कनिष्क के ताऊ ने झूठ और जानकारी छुपा कर दोनों की शादी करवाई थी । जबकि कनिष्क शादी के पहले से ही ना कोई काम करता था और ना ही कोई उच्च शिक्षा की पढ़ाई करता था। कनिष्क का  रामनगर के किसी महिला से प्रेम प्रसंग भी चल रहा था ।  शादी के बाद से ही कनिष्क रोजाना प्रीति को मारता पीटता था उसको ठीक से खाने के लिए भी नहीं दिया जाता था ।  जिसकी जानकारी प्रीति के मायके वालों को नहीं दी जाती थी । शारीरिक उत्पीड़न के साथ प्रीति को रोजाना मानसिक उत्पीड़न सहना पड़ता था कनिष्का रोजाना नशे की हालत में घर पहुंच कर प्रीति के साथ मारपीट करता था । प्रीति के परिजनों का आरोप है कि शादी के वक्त आर्थिक क्षमता के अनुसार दहेज दिया गया लेकिन शादी के बाद से ही कनिष्क और उसके परिवार वाले गाड़ी ना देने की बात को लेकर प्रीति को अक्सर परेशान किया करते थे और गाड़ी और आर्थिक मदद की मांग के लिए प्रीति पर दबाव बनाते थे ।


फिलहाल प्रीति के मौत के बाद उसको इंसाफ मिले इस की सारी ज़िम्मेदारी अब उत्तराखंड मित्र पुलिस पर  है । प्रीति की आत्मा टक - टाकी लगाए मित्र पुलिस अपनी नजरे गड़ाए हुए है । मित्र पुलिस से ही उसको  न्याय मिलने की आस है।  लेकिन प्रीति के परिजनों का आरोप है कि मित्र पुलिस भी प्रीति के ससुराल पक्ष को मदद करने में लगी हुई है । 

ऐसे में एक बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर कब देश में महिला उत्पीड़न सही मायने में बंद होंगे।  जिम्मेदार विभाग जिम्मेदार लोग कब महिला उत्पीड़न को बंद करने का बीड़ा उठाएंगे ताकि समाज में किसी भी नारी शक्ति के साथ हत्या बलात्कार आत्महत्या जैसी घटना बंद हो।