क्वारेन्टीन केंद्रों की बदहाल व्यवस्था को लेकर हाई कोर्ट सख्त ,21 अक्टूबर तक का राज्य सरकार को दाखिल करना होगा जवाब

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाल व्यवस्था को लेकर दायर अलग अगल जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते कोर्ट ने ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल से सुझाव रिपोर्ट न दाखिल करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार से पूछा है कि किन कारणोंवश सुझाव रिपोर्ट पेश नही की जा सकी? 

 

21 अक्टूबर तक उत्तराखंड सरकार से ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून और नैनीताल की रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मामलें की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 21 अक्टूबर की तिथि नियत की है। 


आज मामले में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शिव भट्ट ने कोर्ट को अवगत कराया अस्पतालों में न तो मास्क का प्रयोग किया जा रहा है और न ही सामाजिक दूरी का पालन हो रहा है।अस्पतालों में अभी तक टुनेट टेस्टिंग स्थापित हो पायी है।  


आपको बता दे अधिवक्ता शिव भट्ट एवं अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने क्वारन्टीन सेंटरों व कोविड अस्पतालों की बदहाली और उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हाईकोर्ट में अलग अलग जनहित याचिकायें दायर की थी। पूर्व में बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर माना था कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं और सरकार की ओर से वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। जिसका संज्ञान लेकर कोर्ट अस्पतालों की नियमित मॉनिटरिंग के लिये जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलेवार निगरानी कमेटीया  गठित करने के आदेश दिए थे  और कमेटियों से सुझाव माँगे थे।