गैरसैंण उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित।

प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए गैंरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया है। गैरसैंण में चल रहे बजट सत्र के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह बड़ी घोषणा की। 

गैरसैंण (भराड़ीसैंण) को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का भाजपा का यह चुनावी संकल्प था। उसने चुनाव संकल्प पत्र में इस मुद्दे को शामिल किया था। आम तौर पर सत्तारूढ़ दल के लिए चौथा साल चुनावी घोषणाओं को पूरा करने का साल होता है। प्रदेश में भाजपा सरकार तीन साल पूरे होने जा रहे हैं। इससे पहले ही सरकार ने यह एतिहासिक फैसला लिया है।   
बीते दिनों कर्णप्रयाग के विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री से मिलकर भराड़ीसैंण में होने वाले सत्र के दौरान गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने की मांग की थी।

उत्तराखंड में राजधानी का मुद्दा जनभावनाओं से जुड़ा है। राज्य गठन के बाद से ही प्रदेश में पहाड़ की राजधानी पहाड़ में बनाए जाने को लेकर आवाज उठती रही हैं। राज्य आंदोलन के समय से ही गैरसैंण को जनाकांक्षाओं की राजधानी का प्रतीक माना गया है। यही वजह है कि कांग्रेस और भाजपा की सरकारें गैरसैंण को खारिज नहीं कर पाई।

मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद सरकार के मंत्री व भाजपा विधायकों ने इस पर खुशी जताई है, हालांकि गैरसैंण राजधानी के लिए आन्दोलन करने वाले संगठन व  राजनीतिक आंदोलन से जुड़ा एक वर्ग गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाए जाने की वकालत करता है। लेकिन अब देखना होगा कि सरकार के इस फैसले के बाद इस पर इनकी क्या प्रतिक्रिया आती है।