जानिए 13 अप्रैल से कहां देखने को मिलेगा छोलिया नृत्य व झोड़ा चॉचरी का अद्भुत नजारा

 "अल्गत बिखोती मेरी दुर्गा हरे गे,दुर्गा चानै-चानै मेरी कमर पटै गे" गोपाल बाबू गोस्वामी द्वारा गाये गये इस गाने के बोल सुनते ही ऐतिहासिक बिखोती मेले की यादें ताजा हो जाती हैं,द्वाराहाट में लगने वाले ऐतिहासिक स्याल्दे बिखोती मेले को लेकर मेला समिति ने बैठक कर मेले की तैंयारियों पर चर्चा की,तय किया कि मेले में झोड़ा चॉचरी व सांस्कृतिक टीमों को पुरस्कृत किया जायेगा, मेले में स्थानीय विद्यालयों व सांस्कृतिक टीमों को भी आमंत्रित किया जायेगा| आपको बता दें कि 13 अप्रैल से ऐतिहासिक बिखोती मेला शुरू हो  रहा है| ढोलक की थाप पर झोड़े गाती महिलाएं ,ढोल नगाड़ों की धुन पर छोलिया नृत्य करते छोलियार व ध्वजवाहक मेले में मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेंगे|