जानिए बच्चन परिवार के कई अनसुने पहलुओं के बारे में, सिर्फ एक क्लिक में

बॉलीवुड में बच्चन परिवार का अपना एक अलग ही महत्त्व है। साहित्य से लेकर सिनेमा तक इलाहाबाद से लेकर मुंबई तक का सफर काफी रोचक है। सदी के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन ने इसे नई उचाईयों तक पहुंचाया, लेकिन अमिताभ बच्चन के आलावा भी इस परिवार में ऐसे कई सदस्य हैं जिन्हे शायद आप ना जानते हो। इनमे से कुछ लोग तो ऐसे भी है जो बेहद ही गरीबी के दौर से गुजर रहे है।  


अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवम्बर 1907 को इलाहाबाद से सटे प्रतापगढ़ जिले के एक छोटे से गांव बाबूपट्टी में एक कायस्त परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव और माता का नाम सरस्वती देवी था। इनका सर नाम बच्चन पड़ने के पीछे भी राज़ है। बचपन में इन्हे प्यार से लोग बच्चन यानि बच्चा कह कर बुलाते थे। बाद में यह इसी नाम से मशहूर हो गए। प्रताप नारायण की चार संताने थी। जिसमे हरिवंश राय बच्चन तीसरे नम्बर पर थे। पहले नंबर पर बेटी बिट्टन, दूसरे नंबर पर भगवानदेई, तीसरे पर हरिवंश राय और चौथे नंबर पर शालिकराम थे। 

 



हरिवंश राय बच्चन ने कायस्त पाठशाला में पहले उर्दू की शिक्षा ली। जो उस समय कानून की डिग्री के लिए पहला कदम माना जाता था। इसके बाद इन्होने 1938 में इलाहबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एमए किया। 1952 तक इलाहबाद विश्वविद्यालय में ये प्रवक्ता के तौर पर नियुक्त रहे। 1926 में हरिवंश राय बच्चन की शादी श्यामा से हो गयी थी। जिनकी टीबी की लम्बी बीमारी के बाद 1936 में मृत्यु हो गयी थी। 1941 में हरिवंश राय बच्चन ने तेजी सूरी से दूसरी शादी की। जोकि रंगमंच एवं गायन क्षेत्र से जुडी हुई थी। 1952 में पढ़ने के लिए ये इंग्लैंड चले गए, जहाँ कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में इन्होने अंग्रेजी साहित्य में काव्य पर शोध किया। 1955 में कैम्ब्रिज से वापिस लौटने के बाद इनकी नियुक्ति भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिंदी विशेषज्ञ के रूप में हो गई। 1955 में हरिवंश राय बच्चन दिल्ली में एक्सटर्नल विभाग में शामिल हुए, जहाँ इन्होने बहुत सालों तक अपनी सेवा दी और हिंदी भाषा के विकास में एक अहम् भूमिका निभाई। 1966 में हरिवंश राय बच्चन का भारतीय राजसभा के लिए नॉमिनेशन किया गया। 3 साल बाद ही भारत सरकार की तरफ से इन्हे साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया। 1976 में उनके हिंदी भाषा के विकास में अभूतपूर्व योगदान के लिए पद्मभूषण सम्मान से नवाजा गया। 1984 में इन्होने अपनी आखिरी कविता लिखी। उस कविता का नाम था 1 नवंबर 1984 जो इंदिरा गाँधी हत्या पर आधारित थी। 18 जनवरी 2003 को मुंबई में इनका निधन हो गया। 


हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन के दो बेटे हुए। अमिताभ और अजिताभ। 




अमिताभ बच्चन हिंदी सिनेमा का एक ऐसा नाम है जिनके बिना हिंदी सिनेमा अधूरा है। अद्भुत व्यक्तित्व, जानदार आवाज़, चेहरे पर तेज़ इन सब गुणों के कारण अमिताभ बच्चन आज भी लोगों के दिलों पर राज़ कर रहे है। अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के इलाहबाद जिले में हुआ था। जैसा कि आप सबको पता होगा कि उनके पूर्वज भी उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से इलाहबाद आये थे। अमिताभ बच्चन के माता-पिता ने शुरुआत में उनका नाम इंकलाब रखा। जोकि स्वतंत्रता संग्राम के उस दौर में इंकलाब जिंदाबाद का नारा खूब जोरों पर था और उनके पिता उससे प्रेरित थे, लेकिन हरिवंश राय बच्चन के मित्र सुमित्रानन्द पंत के सुझाव पर उन्होंने अपने पुत्र का नाम अमिताभ कर लिया। जिसका मतलब होता है एक ऐसा प्रकाश जिसका कभी अंत ना हो। हालाँकि,उनका उपनाम श्रीवास्तव था, लेकिन अमिताभ के पिता अपनी सभी कविताओं में अपना छोटा सा नाम बच्चन लिखा करते थे। जोकि उनके बचपन का नाम था। इसी कारण अमिताभ के आगे भी उन्होंने सरनेम बच्चन दे दिया। अमिताभ बच्चन की प्रारंभिक शिक्षा इलाहबाद में ही हुई। इसके बाद अमिताभ ने नैनीताल के एक बोर्डिंग स्कूल में आगे की शिक्षा प्राप्त की। अमिताभ विज्ञानं से इतने प्रभावित हुए कि उन्हें वैज्ञानिक बनने की इच्छा जागृत हुई। साथ ही साथ वह स्कूलों में होने वाले नाटकों में भी भाग लेते रहते थे। इस तरह उनमे एक कलाकार की प्रतिभा आरम्भ से ही थी। पढाई के बाद अमिताभ ने दिल्ली में कई जगह नौकरी की तलाश की। लेकिन आशा अनुरूप नतीजे नहीं मिले। यहाँ तक की आकाशवाणी में भी उन्हें आवाज़ भरी होने के कारण नौकरी नहीं मिली। कुछ हाथ ना लगने पर उन्होंने मुंबई में अपनी किस्मत आज़माने का फैसला किया। जो उनके जीवन का निर्णायक मोड़ साबित हुआ। उस दौर के मशहूर निर्देशक के.अब्बास ने सात हिंदुस्तानी फिल्म में इन्हे अभिनय करने का मौका दिया जो बतौर अभिनेता उनकी पहली फिल्म थी। लेकिन दुर्भाग्यवश यह फिल्म सफल नहीं हो पायी। अमिताभ ने हिम्मत नहीं हारी और प्रयास जारी रखा। पहली फिल्म के बाद भी लगातार कई फिल्मे फ्लॉप हुई और ये मुंबई से वापिस लौटना चाहते थे। तब 1971 में तब उनकी तकदीर ने मोड़ लिया, जब उन्हें सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ फिल्म आनंद में काम करने का मौका मिला। जिसमें उन्होंने एक डॉक्टर के किरदार को बखूबी निभाया और अपनी प्रतिभा को साबित किया। 1973 में आयी जंजीर फिल्म ने अमिताभ बच्चन की तकदीर बदल दी। यह उनकी 13वीं फिल्म थी। अमिताभ इस फिल्म से एंग्री यंगमैन के नाम से जाने जाने लगे और उस जमाने के एक नए नायक का जन्म हुआ। 26 जुलाई 1982 में कुली फिल्म का दृश्य फिल्माते हुए शूटिंग के दौरान पुनीत इतसर के साथ एक फाइट सीन करते समय उनके पेट में बहुत गहरी चोट आयी और इस मुश्किल की घडी में लोगों की दुआओं ने उन्हें बचा लिया। 1984 में उन्होंने फिल्मों से ब्रेक लिया और राजनीति में अपनी किस्मत आज़मायी। राजीव गाँधी ने उन्हें 8वीं लोकसभा चुनाव में इलाहबाद की सीट दी और बड़े अंतर से उन्होंने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा को हरा दिया। हालाँकि उन्हें राजनीति रास नहीं आयी, और तीन साल बाद ही उन्होंने सांसदपद से इस्तीफा दे दिया। 1988 में अमिताभ बच्चन ने अपने फ़िल्मी कैरियर का एक बार फिर से आगाज़ किया। शहंशाह फिल्म से उन्होंने दमदार शुरुआत की। यह फिल्म तो बॉक्स ऑफिस पर काफी हिट रही, लेकिन इसके बाद ही फिल्मों में उनका जादू फीका पड़ गया। इसके बाद साल 2000 में मोहब्बतें से एकबार अमिताभ बच्चन फिर लौटे। इस फिल्म में उनके किरदार को खूब सराहा गया। इसी साल कौन बनेगा करोड़पति का सीजन भी आया। जो एक ब्रिटिश गेम शो पर आधारित था। केवल एक सीजन को छोड़कर सारे सीजन में अमिताभ बच्चन ने इस शो की मेजबानी की।  और अब भी करते आ रहे है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि अमिताभ अब भी फिल्म जगत के शहंशाह, बिग-बी और वन मैन शो है। अमिताभ कई दशकों से लोगों के दिलों पर राज़ करते आ रहे है। अमिताभ बच्चन ने बॉलीवुड अभिनेत्री जया भादुड़ी से 1973 में शादी की थी और बाद में इनका नाम जया बच्चन हो गया। अमिताभ और जाया के दो बच्चे हुए श्वेता बच्चन और अभिषेक बच्चन। श्वेता बच्चन का जन्म 1974 को हुआ था इन्होने फिल्मों में अभिनय तो नहीं किया लेकिन एक मॉडल के तौर पर ये काम कर चुकी है। इनकी शादी 1997 में निखिल नंदा से हुई। आपको बतादें, निखिल नंदा रीतू नंदा के बेटे है और रीतू नंदा राजकपूर की बड़ी बेटी है। अभिषेक बच्चन का जन्म 5 फरवरी 1976 को मुंबई में हुआ था। अभिषेक ने अपने कॅरियर की शुरुआत जे.पी.दत्ता की फिल्म रेफ्यूजी से की। लेकिन इस फिल्म से इन्हे कोई खास सफलता नहीं मिली। साल 2004 में इन्हे मणिरत्नम की फील युवा मिली जिसमे इनके रोल को काफी सराहा गया। इसी साल इन्होने धूम फिल्म में भी काम किया। जो उनकी पहली बड़ी हिट फिल्म थी। अपने पिता के नाम पर इन्हे फिल्मे तो मिलती रही लेकिन यह अपने पिता की तरह नाम कमाने में असफल रहे। 2007 में इन्होने अभिनेत्री ऐश्वर्या राय से शादी कर ली जिनसे इन्हे एक बेटी आराध्या हुई।


 


अब बात करते है हरिवंश राय बच्चन के छोटे बेटे अजिताभ बच्चन की। इनका जन्म 18 जनवरी 1947 को इलाहबाद यानि की प्रयागराज में हुआ था। अजिताभ बच्चन लाइम लाइट से दूर रहना पसंद करते है। अजिताभ बच्चन भारत के जाने माने बिज़नेस मैन है। इससे पहले वो लन्दन में रहकर बिज़नेस करते थे। अजिताभ की शादी रमोला से हुई है, जोकि एक बिज़नेस वुमन है। लन्दन में उन्हें पार्टियों की शान कहा जाता था। साल 2007 में जब उनकी माता तेजी बच्चन का निधन हो गया। इसके बाद वह भारत आकर शिफ्ट हो गए। अजिताभ का पूरा परिवार लाइम लाइट से डोर रहता है।