टोक्यो ओलंपिक : भारत पहुंचा एक मेडल के करीब कौन है ये मेडल दिलवाने वाला खिलाड़ी जानिए खबर के लिंक में
टोक्यो ओलंपिक का आधिकारिक शुभारंभ शुक्रवार को हो गया। इस बार कोरोना महामारी की वजह से खाली स्टेडियम में आयोजन किया जा रहा है,एक हज़ार से भी कम दर्शकों को समारोह में जाने की इजाज़त दी गई है।
भारत पहले ही दिन एक मेडल जीतने के करीब पहुंच गया है।जी हां !निशानेबाजी में भारत का एक मेडल करीब पक्का हो गया है।सौरभ चौधरी ने पुरुषों के 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में जगह बना ली है, वह क्वालिफिकेशन राउंड में पहले स्थान पर रहे,उन्होंने कुल 586 अंक हासिल किए,वहीं, भारत के ही अभिषेक वर्मा 575 अंकों के साथ 17वें नंबर पर रहे. सौरभ चौधरी ने 6 सीरीज में 95, 98, 98, 100, 98 और 97 अंक बटोरे।
सौरभ चौधरी के बारे में आइये थोड़ा सा जान भी लेते हैं।
मेरठ के रहने वाले सौरभ चौधरी ने 14 साल की छोटी-सी उम्र में ही शूटिंग शुरू कर दी थी।उनकी कड़ी मेहनत का फल जल्द ही मिल गया, जब उन्होंने 2018 के आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में तीन स्वर्ण पदक जीते। उसी साल सौरभ ने एशियन गेम्स के 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में सीनियर खिलाड़ियों को मात देकर पीला तमगा हासिल किया।इस जीत के साथ ही वह एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय निशानेबाज बन गए थे।
टोक्यो के सफर की बात करे तो सौरभ चौधरी ने 2019 में दिल्ली में आयोजित हुए आईएसएसएफ विश्व कप में गोल्ड जीतकर भारत को ओलंपिक कोटा दिलाया था। पहली बार विश्व कप में भाग ले रहे सौरभ ने पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में बिना किसी परेशानी के पहला स्थान हासिल किया था। एशियन गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट सौरभ ने फाइनल में 245 अंक बटोरे थे,सौरभ ने अपना यह शानदार प्रदर्शन आगे भी जारी रखा, जिसके चलते उन्हें टोक्यो ओलंपिक के लिए 15 सदस्यीय निशानेबाजी टीम मे जगह मिल गई। हालिया प्रदर्शन में सौरभ चौधरी ने जून 2021 में ओसिजेक में आयोजित आईएसएसएफ विश्व कप में बेहतरीन प्रदर्शन किया था,सबसे पहले वह पुरुषों के 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे,सौरभ ने इस इवेंट के क्वालिफाइंग रांउड में 581 का स्कोर बनाकर फाइनल का सफर तय किया, जहां उन्होंने 220 अंक हासिल कर तीसरा स्थान हासिल किया, बाद में, सौरभ चौधरी और मनु भाकर की जोड़ी 10 मीटर एयर पिस्टल के मिक्स्ड टीम इवेंट का रजत पदक जीतने में कामयाब रही थी।