देवस्थानम बोर्ड की टीम को उत्तरकाशी से किया गया वापस

श्री गंगोत्री धाम में कार्यालय खोलने की मंशा से गई देवस्थानम बोर्ड की टीम को उत्तरकाशी से ही बैरंग लौटना पड़ा।इस बीच श्री गंगोत्रीधाम के तीर्थ पुरोहितों ने दो टूक कह दिया है कि मंदिर उन्हें के नियंत्रण और प्रबंधन में रहेगा।उल्लेखनीय है कि भाजपा की प्रदेश सरकार ने आदिधाम श्री बदरीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री और श्री यमुनोत्री समेत 51 मंदिरों को देवस्थानम बोर्ड की अधीन कर दिया है।श्री बदरीनाथ श्री केदारनाथ मंदिर पहले से ही सरकार के नियंत्रण में हैं।

अब देवस्थानम बोर्ड श्री गंगोत्री और श्री यमुनोत्री मंदिर की व्यवस्थाओं को अपने हाथ में लेने की तैयारी में हैं।इसके लिए गत दिनों बोर्ड ने कुछ अधिकारियों की टीम को गंगोत्री के लिए रवाना किया।बताया गया कि टीम गंगोत्री में देवस्थानम बोर्ड का कार्यालय खोलेगी।इसकी भनक लगते ही तीर्थ पुरोहित विरोध में उतर आए।प्रशासन की मध्यस्थता में उत्तरकाशी में हुई बैठक में तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि आखिर देवस्थानम बोर्ड की टीम श्री गंगोत्रीधाम क्यो जा रही है।इस पर देवस्थानम बोर्ड की टीम ने पक्ष रखा।बहरहाल तीर्थ पुरोहितों और उनके पक्ष में उतरे जनप्रतिनिधियों के तेवरों को देख टीम को उत्तरकाशी से ही बैरंग लौटना पड़ा।

श्री गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने स्पष्ट किया कि मंदिर उनके नियंत्रण और प्रबंधन में है और रहेगा।इसमें देवस्थानम बोर्ड का दखल कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।इस मामले में देवस्थानम बोर्ड की टीम को लीड कर रहे अधिकारी राकेश सेमवाल ने बताया कि उत्तरकाशी से लौटने के बाद बोर्ड को सारी वस्तु स्थिति से अवगत करा दिया गया है।