देश में इमरजेंसी लगाने को राहुल गांधी ने बताया कॉंग्रेस की भूल इन्दिरा गांधी को किया कटघरे में खड़ा

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इमरजेंसी को भूल बताकर एक बार फिर से कांग्रेस के लिए असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु के साथ हुई बातचीत में राहुल गांधी ने इस बात को स्वीकार किया कि कांग्रेस रणनीतिक तौर पर इमरजेंसी की चर्चा नहीं करती है। पार्टी नेता भी इसका जिक्र नहीं करते है बल्कि विरोधी पार्टियां खासकर भारतीय जनता पार्टी सदन में और सदन के बाहर कांग्रेस का असली चरित्र बताने में इमरजेंसी की याद दिलाती रहती हैं।


पांच राज्यों में चुनाव से पहले हरा किया घाव


चुनाव आयोग ने 26 फरवरी को ही पांच विधानसभाओं- असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में चुनाव की तारीखों की घोषणा की है। पार्टी पहले ही इन राज्यों में भाजपा से मुकाबला करने में परेशानी का सामना कर रही है। पार्टी में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल जैसे जी-23 के कई नेता खुद पार्टी की कमजोर स्थिति की बात सार्वजनिक मंच से कर चुके हैं। ऐसे में खुद राहुल गांधी का इमरजेंसी पर बोलना क्या पुराने घावों हरा करने जैसा लगता है। मौजूदा स्थिति में यदि भाजपा इस मुद्दे को चुनाव में उठाए तो किसी को भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए।


अमित शाह भी साध चुके हैं निशाना


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल इमरजेंसी के 45 साल पूरे होने पर कहा था कि एक परिवार के सत्ता लालच ने देश में इमरजेंसी को लागू कराया । एक परिवार के हित पार्टी के हितों और राष्ट्रीय हितों पर हावी थे। रातों रात राष्ट्र को जेल में बदल दिया गया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के कई बड़े नेता भी कई मौकों पर कांग्रेस को इमरजेंसी को लेकर घेरते रहे हैं।


21 महीने तक रही थी भारत में इमरजेंसी


देश में 21 महीने तक इमरजेंसी लगाई गई थी । इसे 25 जून 1975 को लागू किया गया और 21 मार्च 1977 को खत्म किया गया था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर संविधान की धारा 352 के तहत देश में इमरजेंसी की घोषणा की थी। इमरजेंसी में चुनाव स्थगित हो गए और नागरिक अधिकारों को खत्म कर दिया गया था।


इमरजेंसी गलती थी...बिल्कुल गलती थी


राहुल गांधी ने आपातकाल पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि वह एक गलती थी। बिल्कुल, वह एक गलती थी। और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था।" आपातकाल के अंत में इंदिरा गांधी ने चुनाव की घोषणा की थी इस बाबत प्रणब मुखर्जी ने बसु से कहा था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें हारने का डर था।


संस्थागत ढांचे पर कब्जे का प्रयास नहीं किया


बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने किसी भी समय देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि मैं साफ तौर पर कहता हूं कि कांग्रेस पार्टी के पास इतनी क्षमता नहीं है कि ऐसा कर सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की संरचना ऐसी है कि वह ऐसा करने की अनुमति नहीं देती है। भले ही हम ऐसा करना चाहें लेकिन हम नहीं कर सकते हैं।


अपने लोगों को भर रहा है आरएसएस


राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुछ ऐसा कर रहा है जो अपने मौलिक रूप में भिन्न है। उन्होंने कहा कि आरएसएस देश के संस्थानों में अपने लोगों की भर्ती कर रहा है। उन्होंने कहा, "अगर हम भाजपा को चुनाव में हरा भी दें तब भी हम संस्थागत ढांचे में उनके लोगों से छुटकारा नहीं पा सकेंगे।"