नशे की जहरीली हवा में उड़ता रुद्रपुर, बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक फंस रहे है इस नशे के जाल में

जिस नशे ने पंजाब के युवा वर्ग को कभी जकड़ रखा था, आज वही नशा अब उत्तराखण्ड के उधम सिह नगर जिले के औद्योगिक क्षेत्र महानगर रुद्रपुर के युवा वर्ग की नसों में भी घुलने लगा है। पड़ोसी देश से हैरोइन तस्करी के लिए पंजाब बदनाम है और इन तस्करों ने पंजाब से साथ देश के प्रत्येक राज्यो मे भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। अफीम और पोस्त के बाद अब चिट्टे (हैरोइन), स्मैक और मेडिकेटेड टेबलेट्स ओर इंजेक्शन जैसे नशे ने भी अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। 


बॉलीवुड फिल्म 'उड़ता पंजाब' को लेकर चर्चा गर्म थी। फिल्म में पंजाब कि युवा पीढ़ी को नशे की गिरफ्त में दिखाए जाने पर राजनैतिक दलो ने सरकार से सख्त नाराजगी जती थी। लेकिन नशे से जूझ रहे नौजवानों की असल जिंदगी की कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं है। 10 साल के छोटे बच्चे से लेकर 60 साल के बुज़ुर्ग तक नशे की लत से छुटकारा पाने की जंग में शामिल हैं।


उत्तराखंड में औद्योगिक हब बन चुके उधम सिंह नगर के जिला मुख्यालय में जनवृद्धि हुई है। यही कारण है कि लगातार नशे के कारोबारियों ने जनवृद्धि को देखते हुए नशे के कारोबार को यहाँ बसाया है और यहाँ की आवाम को नशे की लत लगाकर अपना शिकार बनाया है। महानगर में रामपुरा के बाद औद्योगिक नगरी से सटे ट्रांजिट कैंप में इन दिनों नशे के कारोबारियों का आतंक सर चढ़कर बोल रहा है। नशे के इन आतंकियों ने छोटे-छोटे बच्चों से लेकर महिलाओं तक को अपना शिकार बनाकर लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। 




छोटी उम्र से ही युवक इस नशे के आदी हो रहे हैं हालांकि बीस से तीस साल के युवा नशे की गिरफ्त में ज्यादा हैं। यार दोस्तों के साथ युवा वर्ग इस नशे की गिरफ्त में आना शुरू होता है और धीरे-धीरे इस नशे के इस दलदल में ऐसा फंसता है कि उसका निकलना मुश्किल हो जाता है। हमने नशे की गिरफ्त में आये कुछ युवाओं से बात की तो उन्होंने बताया कि वे पिछले दस से पंद्रह सालों से नशा करते आ रहे हैं। शुरुआत में शराब, फिर अफीम, फिर पोस्त, फिर नशीली गोलियां, इंजेक्शन, फिर स्मैक और अब चिट्टे यानि हैरोइन का नशा करने लगे। 


सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी को आपको जानकार हैरानी होगी कि नशा करने के लिए प्रतिदिन दो से तीन हजार रुपये की जरूरत होती है, जिसके लिए वे शुरुआत में तो घर से रुपये लेते थे लेकिन जब नशे के कारण घर बर्बाद होने लगते है और रुपये ख़त्म हो जाते है तो वह घर का सामान बेचना शुरू कर देता है। इसके बाद लोगो के साथ लूटपाट, चोरी, ठगी और रिश्तेदारों से रुपये मांगने के बाद यहाँ तक कि भीख़ मांगने तक की नौबत आ जाती है। जिसके लिए कई बार उन्हें जेल तक भी जाना पड़ता है। इसी कारण नशेड़ी युवक की समाज में खुद के साथ-साथ परिवार की भी बदनामी करवाता है। 


हमने एक नशे के आदि युवक से बात कि तो उसने बताया कि नशा नहीं मिलने पर शरीर में बहुत दिक्कत महसूस होती है। नशे की गिरफ्त में आये युवा मानते हैं कि नशे के कारण उनका सब कुछ तबाह हो गया। हैरानी की बात है कि सब युवा अच्छे घरो और पढ़े लिखे होते हैं। नशे की गिरफ्त में आए युवकों के परिजनों की हालत काफी चिंताजनक होती है क्योंकि वे अपने खून को नशे से बर्बाद होते हुए अपनी लाचार आंखों से देखते हैं। नशा नहीं मिलने पर जब उनका बेटा दर्द से कराहता है तो मां-बाप के सीने पर खंजर की तरह चोट लगती है। बहुत बार नशेड़ी अपने माता-पिता को पीट देता है, अपनी पत्नी को पीट देता है, घर से समान बेच देता है और बाहर चोरियां करता है। वहीं नशा मुक्ति केन्द्रो के संचालकों का कहना है कि जब नशा छुड़वाने के लिए मरीज उनके पास आते हैं तो उनकी हालत काफी खराब होती है, अधिक देर से नशे कि गिरफ्त में होने के कारण युवा वर्ग को दौरे पड़ते हैं, उन्हें अपने शरीर की सुध नहीं होती, कभी ब्रश किया तो कभी नहीं, कभी नहाया तो कभी नहीं, खाना नहीं खाते. एक जगह पड़े रहते हैं. उनका नशे के बगैर चलना फिरना मुश्किल होता है।




भारत मे बड़े राज्यो की तरह अब उत्तराखंड के औद्योगिक नगरी जिला उधम सिह नगर का जिला मुख्यालय रुद्रपुर भी अब नशे की बडी मंडी का रूप लेता जा रहा है, पिछले कुछ सालो से जिला मुख्यालय पर मित्र पुलिस ने NDPS एक्ट में सैकड़ों मामले दर्ज करते हुए नशे के सौदागरो को गिरफ्तार किया है। वहीं मित्र पुलिस द्वारा युवाओं में बढ़ रही इस नशे की प्रवृत्ति को और नशे के चंगुल से छुड़ाने के लिए पिछले कई सालों से जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ-साथ समाजसेवी संस्थाओं द्वारा भी नशे से दूर रहने के लिए जागरूकता अभियान चलाये जा रहे है। नशे के खिलाफ सन्देश देने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर किया जाता है, वहीं शहर के साथ-साथ गांवों में भी जागरूकता फैलाई जाती है, लेकिन नशे के कारोबार का मकड़जाल महानगर रुद्रपुर में लगातार फैलता जा रहा है। युवा पीढ़ी से लेकर महिलाओं तक को यह अपनी गिरफ्त में ले रहा है। ड्रग्स की खपत बढ़ती जा रही है। सुत्रो के मुताबिक देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों से भी नशे की खेप महानगर रुद्रपुर में आ रही हैं। यहां से दूसरे राज्यों में भी सप्लाई हो रही है। लोकल पुलिस लगातार धर-पकड़ में लगी हैं। लेकिन मुख्यालय के महानगर रुद्रपुर मे यह काला कारोबार पांव पसारता जा रहा है। जिसे रोक पाना मित्र पुलिस के लिए बडी चुनौती बनता जा रहा है।