निजी अस्पतालों की मनमानी पर योगी सरकार ने लगाई लगाम तय की दरें

प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजो के इलाज के नाम पर मनमाने चार्ज पर उत्तरप्रदेश में अब लगाम लग गयी है । सभी निजी अस्पतालों के लिए उत्तरप्रदेश विशेष सचिव शत्रुंजय कुमार सिंह ने निर्देश दिए है और अधिकतम शुल्क भी तय कर दिए हैं। ये तय शुल्क शासन द्वारा पहले से निर्धारित की गई दरों के मुताबिक ही रखे गए हैं,लेकिन अब इन्हें कड़ाईता से लागू कराने के लिये विशेष सचिव ने आदेश पत्र जारी किया है। 


इलाज के नाम पर अब निजी अस्पताल मनमानी फीस नही वसूल पाएंगे।जारी निर्देश जिन अस्पतालों पर लागू होगा उनमें निजी स्वामित्व वाले सभी कोविड चिकित्सालय, महामारी अधिनियम के तहत स्थापित इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर व अस्पताल शामिल हैं। मरीजों का बिल तीन प्रतियों में निकाला जाएगा। एक प्रति सीएमओ को भेजी जाएगी। यदि किसी भी कारण से उपचार-औषधि बिल में सम्मलित हो तो सका कारण लिखा जाएगा। निर्धारित दरों से अधिक लिया तो कानूनी कार्रवाई होगी।


प्रशासन की ओर से तय दरें ए बी और सी श्रेणी के नगरों में इस तरह मान्य होंगी-


बीमारी बढ़ने पर आईसोलेशन बेड जिसमें ऑक्सीजन व अन्य इंतजाम शामिल हैं- 10 हजार रुपए, इसमें पीपीई किट कीमत शामिल है,नॉन    अस्पताल में ये रेट 8 हज़ार होगा।


गंभीर मरीज के लिए आईसीयू बिना वेंटिलेटर- 15 हजार रुपए जिसमें पीपीई किट की कीमत शामिल है,नॉन   अस्पताल में ये रेट 13 हज़ार होगा।


बेहद गंभीर मरीज के लिए आईसीयू वेंटिलेटर केयर, एन्वेसिव-नॉन एन्वेसिव- 18 हजार, इसमें पीपीई किट कीमत शामिल है।नॉन   अस्पताल में ये रेट 15 हज़ार होगा।


विशेष सचिव द्वारा यह भी दिए निर्देश गए है कि कांटेक्ट ट्रेसिंग यानी मरीज के सम्पर्क में आने वाले लोगों का ब्योरा पोर्टल पर दर्ज हो,निजी लैब को निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की जांच के लिए एमओयू करना होगा, निजी अस्पतालों को हर चार घंटे में खाली बेडों की सूचना कंट्रोल रूम को देनी होगी।