नैनीताल में इको सेंसेटिव जोन में खनन कर रहे दो स्टोन क्रेशरों को बंद कराने के मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई

उत्तराखंड हाइकोर्ट ने नन्धौर वन्यजीव अभ्यारण के इको सेंसेटिव जोन के 2.3 किलोमीटर की परिधि में संचालित लक्ष्मी स्टोन क्रेशर व आरजे एसोसिएट को बंद कराने सम्बन्धित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई।

आपको बता दें कि कमला पोखरिया निवासी उमेदपुर चोरगलिया ने याचिका दायर कर कहा है कि जिला अधिकारी नैनीताल ने माननीय उच्च न्यायालय व एनजीटी के आदेशों का पालन नही कर उक्त दोनों स्टोन क्रेशरों को इको सेंसेटिव जॉन में खनन व भंडारण की अनुमति दी गयी है ।याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि माननीय उच्च न्यायलय ने अपने आदेश दिनांक 3 जून 2018 को कहा था कि ऐसे क्षेत्र जो राष्ट्रीय वन्य जीव अभ्यारण की परिधि में आते है उसके 10 किलोमीटर परिधि में किसी भी तरफ का खनन व भंडारण पर रोक रहेगी। इसी आदेश के अनुपालन में नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल ने 4 जनवरी 2019 को आदेश पारित किया है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि जिला अधिकारी के आदेश पर रोक लगाई जाय और दोनों स्टोन क्रेशरों को बंद किया जाय। इनके संचालन से वन्य जीवों के साथ साथ उस क्षेत्र में रह रहे लोगो के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।