पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह गांववासी ने पलायन आयोग और सरकार की मंशा पर खड़े किये सवाल

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रो में पलायन के आंकड़े को देखते हुए पौड़ी में उत्तराखण्ड सरकार ने यहाँ ग्राम्य विकास एवम पलायन आयोग का कार्यालय तो खोल दिया लेकिन अब आयोग के इस दफ्तर के साथ ही सरकार की मंशा पर भी  सवाल खड़े होने लगे हैं स्थानीय जनता के साथ ही अब बीजेपी के दिग्गज नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह गांववाशी ने भी सरकार की मंशा और पलायन आयोग के औचित्य पर सवाल उठाये हैं पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह गांववाशी का मानना है की पलायन आयोग सरकार को कोई ठोस सुझाव दे ही नही पाया और न ही सरकार पलायन रोकथाम को लेकर गम्भीर नजर आई, वहीँ ग्राम्य विकास एवम पलायन  आयोग को संवैधानिक दर्जा तक नहीं दिया गया है और न ही उसकी सिफारिशों को मानने के लिए सरकार बाध्य है जबकि उत्तराखंड की आजीविका गांवों में निर्भर करती है गांववासी ने सरकार से मांग की है कि, गांवों के आर्थिक विकास की कार्ययोजना दूरगामी व सीमांत गांवों को ध्यान में रखकर तैयार की जाये वहीँ स्थानीय जनता ने भी पलायन आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा है की आयोग ने पलायन होने के कारण बिजली पानी सड़क खेती और रोजगार शिक्षा के अभाव को बताया है और इसी पर सर्वे किया जाता रहा जबकि इन मुद्दों को जनता कई बार सरकार के समक्ष रख चुकी थी स्थानीय जनता का कहना है की सरकार जब तक पलायन की समस्या पर ध्यान नही देगी तब तक गांव के गांव इसी तरह से वीरान होते रहेंगे।