फायर ऑफ रिंग : कल होगा साल का पहला सूर्यग्रहण पिता सूर्य पर पड़ेगी ग्रहण की छाया तो पुत्र शानिदेव की मनाई जाएगी जयंती भारत मे दिखाई नही देगा सूर्यग्रहण लेकिन रखना होगा खास ध्यान

साल 2021 का पहला सूर्यग्रहण कल यानी 10 जून गुरुवार को ज्येष्ठ माह की अमावस्या को लगने वाला है ।इस साल का पहला सूर्य ग्रहण दुनियाभर में कई जगहों पर देखने को मिलेगा,सूर्यग्रहण की अवधि लगभग 5 घण्टे तक रहेगी। 148 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब सूर्यग्रहण और शनि जयंती एक साथ पड़ रही है यानी पिता पुत्र के लिए ये खास दिन है इसीलिए इस तिथि का भी महत्व बढ़ गया है।एक तरफ पिता यानी सूर्य ग्रहण के साये में 5 घण्टे रहेंगे दूसरी तरफ उनके पुत्र की जयंती मनाई जाएगी।कल होने वाला सूर्यग्रहण वलयाकार का होगा जिसमें सूर्य अंगूठी की तरह दिखाई देगा।इसे रिंग ऑफ फायर भी कहते है।इससे पहले सूर्य ग्रहण और शनि जयंती26 मई 1873 में एक साथ पड़ी थी।


भारत मे सूतककाल मान्य नही रहेगा क्योंकि सूर्य ग्रहण भारत मे दिखाई नही देगा।भारत में दिखाई न देने के कारण ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। ऐसे में आपको कोई उपाय करने की जरूरत नहीं है। ग्रहण काल में सूतक का विचार किया जाता है। इस दौरान कई कार्यों को करने की मनाही होती है। ग्रहण काल में मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं, पूजा पाठ एवं अन्य प्रकार के मंगल अनुष्ठान रुक जाते हैं।


इसीलिए भारत मे पूजा अर्चना बन्द नही होगी क्योंकि ऐसी मान्यता है जिस जगह सूर्यग्रहण का प्रभाव होता है वहा सुतककाल रहता है ।


कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि एक ओर कोरोना महामारी चल रही है दूसरी तरफ सूर्यग्रहण पड़ रहा है जो कि धार्मिक दृष्टि से शुभ नही है।भले ही भारत मे सूर्यग्रहण दिखाई न दे परन्तु कई राशियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा।भारतीय समय के अनुसार सूर्यग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा।


जब ग्रहण शुरू हो रहा हो, तो उस समय से पहले ही स्नान करके साधना करनी चाहिए। मोक्ष के उपरांत स्नान करके दान करना चाहिए। सूर्यग्रहण काल में भगवान सूर्य की और चंद्रग्रहण चंद्रदेव की उपासना श्रेयस्कर मानी गई है। पका हुआ अन्न, कटी हुई सब्जी ग्रहणकाल में दूषित हों जाते हैं, उन्हें नहीं रखना चाहिए । तेल, घी, दूध, पनीर, आचार, चटनी व मुरब्बा सहित अन्य खाद्य पदार्थ में तुलसी की पत्ती रखनी चाहिए। ग्रहणकाल में मूर्ति स्पर्श नहीं करना चाहिए। बुजुर्ग, रोगी, बालक एवं गर्भवती को जरूरी हो तो दवा देनी चाहिए। गर्भवती अपने घर को गेरू से गोठ सकती हैं। गर्भवती को पेट को भी गेरू से गोठना चाहिए।