ब्रेकिंग:कुछ भी बोलते है बिना सर पैर के ! फटी जीन्स और भारत की गुलामी का विवाद अभी सुलझा भी नही कि एक और विवादित बयान दे डाला उत्तराखंड के नए नवेले मुख्यमंत्री ने

उत्तराखंड के नए सीएम कभी भारत को 200 सालो तक अमेरिका का गुलाम बताकर विवादों में आ जाते है तो कभी फटी जीन्स को लेकर महिलाओं के बीच नफरत की जड़ बन जाते है अब सीएम नए बयान से फिर चर्चा में है बयान भी ऐसा कि बयान के बाद ही बयान खुद ही उन पर उल्टा पड़ गया।जी हां इस बार सीएम तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार में लगे महाकुंभ में लाखों की तादात में जुट रही भीड़ को लेकर बयान दिया है कि माँ गंगा की पवित्रता और आशीर्वाद से कोरोना नही होगा।उनका ये बयान तब उल्टा पड़ गया जब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को ही गंगा में डुबकी लगाई थी वहां उन्होंने सन्तो से भी मुलाकात की कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में जगतगुरू शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती से भी मुलाकात की फिर गंगा में पूजन इत्यादि कर डुबकी लगाई थी इसके बाद भी अखिलेश यादव कोरोना पॉजिटिव हो गए।




उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत के मुताबिक अखिलेश यादव को कोरोना होना ही नही चाहिए था क्योंकि गंगा में डुबकी लगाने वाले को कोरोना हो ही नही सकता। 




उधर माँ गंगा में अटूट विश्वास रखने वाले उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी कोरोना पॉजिटिव निकल गए। मुख्यमंत्री कार्यालय में कई अधिकारियों के कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद को आइसोलेट कर लिया था आज उनकी रिपोर्ट आने के बाद कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हो गई है।




यहां भी तीरथ सिंह रावत के बयान का विरोधाभास हो गया।

दरअसल पिछले साल जब कोरोना की वजह से पूरे देश मे हाईं अलर्ट घोषित हो गया था और लॉक डाउन लग गया था तब मरकज के कार्यक्रम में जमातियों द्वारा कोरोना फैलाने की खबरे तेज़ी से वायरल हुई थी हर जगह जमातियों की तलाश शुरू हो गयी उन पर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज किया जाने लगा था ऐसे में जब सीएम तीरथ सिंह रावत से महाकुंभ और मरकज पर सवाल पूछे गए तब उन्होंने कहा कि मरकज और महाकुंभ की तुलना नही की जा सकती ,मरकज एक इमारत में सीमित था वहां लोगो के लिए पर्याप्त जगह नही थी जबकि कुंभ का आयोजन खुले परिसर में हो रहा है और कोविड कि गाइडलाइंस का सख्ती से पालन हो रहा है।अब सीएम के इस बयान को आप ज़रा महाकुंभ की तस्वीरों से तुलना कीजिये गजब की सोशल डिस्टनसिंग दिखाई पड़ेगी और मास्क तो किसी के भी चेहरे से हट नही सकता इतनी सख्ती तो आपने कही नही देखी होगी।

खैर सीएम तीरथ सिंह रावत ने अपने इस बयान से एक बार फिर अपनी किरकिरी करवा ली है,क्योंकि आस्था अपनी जगह है और कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी है जिससे हर धर्म का इंसान लड़ रहा है अगर महज गंगा में डुबकी लगाने से कोरोना वायरस खत्म हो जाता तो वैक्सीन की ज़रूरत ही नही पड़ती। पिछले साल गंगा की पवित्रता पर खुद योगी आदित्यनाथ एक महत्वपूर्ण बयान दे चुके है उन्होंने 'वॉटर समिट-2020' को संबोधित करते हुए कहा था कि चार साल पहले वाराणसी में जिस गंगा में डुबकी लगाने से शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते थे, जल जीव समाप्त हो गए थे, वहां अब डॉल्फिन डुबकियां लगा रही हैं।