ब्रेकिंग:नवविवाहिता नर्स तंत्र मंत्र के चक्कर मे हुई गायब झाड़ फूंक करते समय नर्स को बांधा गया था जंजीरों में पुलिस के सामने बेटी के लिए गिड़गिड़ाती रही माँ
तंत्र मंत्र के चक्कर मे अक्सर लड़कियों का शोषण हो जाता है कभी कभी तो तंत्र मंत्र का चक्कर बलि के नाम पर मौत भी दे देता है,और कभी तंत्र मंत्र से इलाज करा रहे रोगी ही गायब हो जाते हैं ऐसा ही एक मामला उत्तरप्रदेश के बरेली में एक धर्मस्थल पर तंत्र-मंत्र का इलाज करा रही नर्स नेहा वर्मा के गायब होने का भी सामने आया है जिसकी वजह से इलाके में सनसनी मची हुई है। नर्स नेहा की कुछ ही महीने पहले शादी हुई थी और ससुराल में उसकी तबियत खराब होने के बाद धर्मस्थल लाया गया था। उसे पास के ही कमरे में रखवाया गयाा था। परिवार एक अस्पताल में काम करने वाले दूसरे समुदाय के कंपाउंडर व उसके साथियों पर बेटी को गायब करने का आरोप लगा रहा है। हालांकि पुलिस ने मामला सिर्फ गुमशुदगी में दर्ज किया है। नर्स के गायब होने को लेकर हिंंदू संगठन गुस्से में हैंं और आरोपी कंपाउंडर व उसके साथियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ नर्स नेहा की तुरंत बरामदगी की मांग कर रहे हैं।
लापता नर्स नेहा वर्मा उर्फ चुनमुन सुरखा बानखाना इलाके की रहने वाली है। मां मधु वर्मा और भाई सनी वर्मा ने खबरची टीम को बताया कि नेहा जीआरएम स्कूल के पास एक अस्पताल में नर्स की नौकरी करती थी। उसकी शादी 29 नवंबर को धूमधाम से चाहबाई मोहल्ला निवासी मुकुल श्रीवास्तव के साथ गई थी। बेटी विदा होकर ससुराल गई। कुछ दिन ससुरालियों का फोन आया कि नेहा की तबियत खराब है। उसे डॉक्टर से दवा दिलाई मगर फायदा नहीं हुआ। बकौल मधु वर्मा: बेटे को भेजकर उन्होंने नवविवाहित बेटी को मायके बुलवा लिया। उस वक्त उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं लग रही थी और वह बहकी-बहकी बातें कर रही थी। उस कई जगह इलाज कराया गया। इस दौराना ससुराल वाले भी खैर-खबर लेने लगातार आते रहे। इलाज के बाद भी नेहा की हालत में सुधार नहीं हुआ। लोगों ने कहा कि नेहा पर भूत-प्रेत का साया लग रहा है। इसे थाना बारादरी इलाके में स्थित धर्मस्थल ले जाकर झाड़-फूंक कराओ।नेहा को कमरे में रखकर 40 दिन इलाज की बात कही गई थी,जिसके बाद नेहा के पैर में कुत्ते में बांधी जाने वाली जैसी जंजीर बांध दी,जंजीर में छोटा सा ताला भी लगा दिया गया। वर्मा परिवार के मुताबिक, मां मधु धर्मस्थल के पास लिए कमरे में लगातार नेहा के साथ रहती रहीं। पति मुकुल भी मिलने अक्सर वहां आते रहे। 23 जनवरी को अचानक नेहा वहां से मांं को धक्का देेेेकर चली गई। मधु आसपास दौड़ीं मगर वह कहीं नहीं नजर नहीं आई। मधु ने उसी दिन थाना बारादरी में बेटी के लापता होने की जानकारी दी और अस्पताल में साथ काम करने वाले दूसरे समुदाय के कंपाउंडर पर साथियों के साथ मिलकर साजिशन गायब करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई।वही मधु ने आरोप लगाया कि थाना बारादरी पुलिस ने धर्मस्थल के पास से नेहा के गायब होने के मामले को बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं लिया। बहुत गिड़गिड़ाने पर गुमशुदगी दर्ज की। पुलिस ने सुनवाई नही की तो हमने फोन पर आरोपी कंपाउंडर से मोबाइल पर फोन करके बेटी के बारे में पूछा तो वह कहने लगा कि नेहा को वापस नहीं करूंगा। मेरा जो करना है, वो कर लो। उसने हमारे बेटे सनी की हत्या की धमकी भी दी।
नेहा की माँ और भाई
पुलिस ने इसके बाद कंपाउंडर को थाने बुलवाया तो मगर उससे थोड़ी पूछताछ के बाद छोड दिया गया। नेहा कहांं है और किस हाल में है, इस बारे में कुुुछ पता नहीं लग पा रहा। पुुुुलिस उसकी खोजबीन के नाम पर कुछ नहीं कर रही। हमें पूरा संदेह है कि नेहा को उसी कंपाउंडर ने गायब कराया है और इसमें उसके साथी भी साजिश मेें मिले हुए हैं। हमारी बेटी की जान को खतरा है। उसके साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती है।नर्स नेहा के लापता होने के मामले में परिवार ने हिंंदू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष अरुण फौजी को जानकारी दी तो उन्होंने डीएम नितीश कुमार, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण, सीओ थर्ड श्वेता यादव और मामले के जांच अधिकारी अशोक कुमार से फोन करके पूरी जानकारी दी। हिंजाम जिलाध्यक्ष अरुण फौजी ने खबरची को बताया कि डीएम ने उनको भरोसा दिया है कि एसएसपी से बात कर नर्स नेहा की बरामदगी सुनिश्चित कराएंगे। हिंजाम जिलाध्यक्ष के मुताबिक, उन्होंने इंंस्पेक्टर बारादरी का भी मोबाइल मिलाया मगर फोन नहीं उठा। इसके बाद उन्होंने जांच अधिकारी से बात की तो उनकी ओर से बताया कि संदेह के आधार पर कंपाउंडर से पूछताछ की गई मगर उसने नेहा के बारे में कुछ नहीं बताया। फोन पर दोनों के बीच बात होने की भी कॉल रिकार्ड से पुष्टि नहीं हुई है। नेहा गायब होकर कहां गई है, इस बारे में छानबीन चल रही है। अरुण फौजी का कहना है कि नर्स नेेेेहा वर्मा के गायब होने को लेकर गहरी साजिश की आशंका नजर आ रही है। पुलिस ने जल्द नेहा की बरामदगी और साजिश से जुड़े लोगों पर कार्रवाई नहीं की तो संगठन आंदोलनात्मक कदम उठाने को मजबूर हो जायेगा