मन्त्री जी के दबाव में बंगाली चुनाव समिति के सदस्यों ने दिया इस्तीफा

बंगाली समुदाय के चुनाव समिति के सदस्यों ने प्रदेश के मन्त्री के दबाव में इस्तीफा दे दिया है कल तक समाज के लिये बड़ी-बड़ी बाते करने वाले आज दलगत राजनीति में फंसकर राजनैतिक पार्टियों की कटपुतली बन गये है, ऐसे में प्रदेश स्तर पर बंगाली समाज की एक मजबूत समिति के गठन का सपना अन्धकार की ओर जाता हुआ नजर आ रहा है।


प्रदेश स्तर पर बंगाली समुदाय के एक मजबूत संगठन निर्माण को लेकर पिछले लमबे समय से बंगाली समुदाय प्रयासरत है लेकिन हर बार आपसी मतभेद और मनभेद के कारण लम्बे समय से निष्क्रीय पड़ी समीति का पुर्नगठन ही बाधित रहा। एक बार फिर बंगाली समाज के कुछ बुद्धिजीवि के समाज के हित की सोच रखते हुए नये कमेटी के गठन के लिये प्रयास किये गये। कई आपसी विवादो के बाद शक्तिफार्म, रुद्रपुर और दिनेशपुर के अग्रिम लोगो की एक बैठक में जल्द समिति के गठन को लेकर अंतिम फैसले के तहत चुनाव समिति का विवादो के बाद गठन हुआ तो उसमें भी अब प्रदेश के एक मन्त्री के हस्क्षेप और अपने चहीते को बंगाली समाज के समिति के अध्यक्ष ना बनता देख दिनेशपुर के चुनाव समिति के सदस्य द्वारा इस्तीफा दे दिया गया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के मन्त्री और स्थानीय विधायक ने दिनेशपुर के बंगाली समाज के समिति गठन के लिये चुनाव समिति के सदस्यों को दबाव में लेकर इस्तीफा दिला दिया। सूत्रों से मिली जानकारी यह बताती है कि मन्त्री जी बंगाली समाज में आपने चहीते को अध्यक्ष बनाना चाहते थे जो भविष्य में उनके काम आ सके लेकिन ऐसा सम्भव नही होता देख अपने चहीतो और बंगाली समाज के समिति के गठन के लिये चुनाव समिति में शामिल लोगो को दबाव में लेकर इस्तीफा दिलवा दिया। फिलहाल इसको लेकर अब बंगाली समाज में रोष का माहौल बन रहा है। भाजपा के कुछ लोग रुद्रपुर महानगर के तिलक राज बेहड़ पर भी समिति के गठन को लेकर राजनीति का आरोप लगा चुके है ऐसे में बंगाली समाज के एकजुट होने के सपने चकनाचूर होते हुए नजर आते है। बंगाली समाज के कुछ लोग सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिये बड़े नेताओ के पिट्ठू बन जाते है ऐसे में बंगाली समाज के युवा वर्ग का भविष्य अन्धकार की गत में समाता जा रहा है। अपनी आपसी मतभेद और एकजुटता में कमी के कारण ही लम्बे समय से बंगाली समाज अपने माथे पर से पूर्व पाकिस्तानी और बंग्लादेशी शब्द को भी नही हटा पाया है। बड़े राजनैतिक पार्टियों के नेताओं के कहने पर बंगाली समाज लगातार अपनी समाज का अहित ही करता आ रहा है। बंगाली समाज को दलगत राजनीति से उपर उठकर समाज के लोगो की भलाई के लिये एकजुट होकर एक झण्डे के नीचे काम करना चाहिए जिससे आने वाला भविष्य का समा उज्जवल हो।