महाराष्ट्र सरकार द्वारा बलात्कारियों के दोषी पाए जाने पर मृत्युदंड देने के कानून का साध्वी प्राची ने करा समर्थन

महिलाए और बच्चियों के साथ दरिंदगी करने वालों को जल्द से जल्द सजा मिले इसको लेकर महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट में शक्ति एक्ट के ड्राफ्ट को मंजूरी दी है। इस ड्राफ्ट में बलात्कार पर दोषी पाए जाने वाले को मृत्युदंड दिया जाएगा। कल शुरू होने वाले महाराष्ट्र के विधानसभा सत्र में सरकार द्वारा इसे पेश किया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस बिल की पुष्टि की हैं। इस अधिनियम में विशेष अदालतों और 15 दिनों में चार्जशीट दाखिल करने का प्रावधान है और ट्रायल 30 दिनों में होगा। इस कानून के तहत एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं को भी 10 लाख रुपए दिए जाएंगे जिससे वह प्लास्टिक सर्जरी द्वारा अपने चेहरे को पूर्ण रूप से पा सके जिसका भुगतान दोषी से वसूला जाएगा। वीएचपी की फायर ब्रांड नेता साध्वी प्राची ने इस बिल का समर्थन क्या है और दूसरे राज्यों के साथ ही केंद्र सरकार से भी मांग की है कि वह भी जल्द इस तरह के कानून को पास करें। 


वीएचपी फायर ब्रांड नेता साध्वी प्राची का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाया जा रहा है यह कानून बहुत ही सराहनीय है, इस कानून की प्रशंसा करनी चाहिए। केंद्र सरकार को भी तुरंत इस तरह का कड़ा कानून बनाना चाहिए। साथ ही और राज्य को भी इस तरह के कानून बनाने चाहिए क्योंकि छोटी-छोटी बच्चियों को भी दरिंदे नहीं छोड़ते हैं और हिंदुस्तान में वैसे ही बच्चियां काफी कम है। इस तरह के कानून बनाने की उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के साथ सभी राज्यों को इस तरह की पहल करनी चाहिए जिससे  बलात्कारियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा मिले क्योंकि जब कड़ा कानून बनता है अपराधी अपराध करने से पहले सोचने पर मजबूर हो जाएंगे इसलिए कड़ा कानून बनना जरूरी है और साथ ही हिंदुस्तान की माताएं भी अपने बच्चों को संस्कारी करें क्योंकि वह दरिंदे भी किसी ना किसी के बेटे होते हैं जो इस तरह के कुकर्म करते हैं। 


महाराष्ट्र सरकार द्वारा महिलाओं और बच्चियों के साथ दरिंदगी करने वालों के खिलाफ कड़ा कानून लाया जा रहा है और इस कानून की सभी लोग सराहना कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार के कार्यों का हमेशा विरोध करने वाली साध्वी प्राची द्वारा भी महाराष्ट्र सरकार द्वारा लाये जा रहे इस बिल का पुरजोर समर्थन किया गया और साथ ही केंद्र सरकार और तमाम राज्यों से इस तरह के कानून बनाने की मांग की।