महेंद्र सिंह धोनी को बुलाये उत्तराखंड की माटी

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जगत से सन्यास लेने की बाद महेंद्र सिंह धोनी के प्रशंसक चाहते है कि धोनी उत्तराखंड में आकर अपनी माटी से जुड़ जाएं। क्योंकि धोनी का पैतृक गांव उत्तराखंड है और धोनी को जैविक खेती और पहाड़ी खाना भी बहुत पसंद है। अगर धोनी उत्तराखंड में आकर बस जाते है तो यहाँ जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा, और जो उत्तराखंड से पलायन हो रहा है उसे भी थमने में मदद मिलेगी। सच में धोनी अगर उत्तराखंड में आकर रहते है तो यहाँ के क्रिकेट को बढ़ाने में भी उनका योगदान मिल सकता है और उनकी पत्नी साक्षी का घर भी देहरादून के डालनवाला क्षेत्र में है। इसीलिए धोनी उत्तराखंड में अक्सर आ जाया करते है। महेंद्र सिंह धोनी देहरादून के रेंजर्स मैदान पर होने वाले गोल्ड कप में भी अपनी ताबड़-तोड़ बल्लेबाजी का जोहर दिखा चुके है और वर्ष 2010 में उत्तराखंड में सेव टाइगर प्रोजेक्ट और कार्बेट नेशनल पार्क के ब्रांड एंबेसडर भी बने थे। धोनी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उनके भविष्य को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। इनमे से एक है जैविक खेती। दरअसल, धोनी अपने रांची वाले फार्म हाउस में जैविक खेती करते तसवीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर चुके है। यदि वह जैविक खेती में अपना हाथ अजमाते हैं तो फिर उत्तराखंड में भी जैविक खेती की तस्वीर बदल सकती है।


 


भावी उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि धोनी मूलरूप से उत्तराखंड के है। उन्हें बहुत ख़ुशी मिलेगी यदि धोनी उत्तराखंड में आकर किसी भी क्षेत्र में कुछ करना चाहें, चाहे जैविक खेती या क्रिकेट से संबधित। प्रदेश सरकार उन्हें हर संभव मदद देने को तैयार है। क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला का कहना है कि माही मात्र एक क्रिकेटर ही नहीं वरन छोटे शहरों से आने वाले लाखों लोगों की हिम्मत है, जिनमे कुछ करने का जज्बा भरा पड़ा है। यदि धोनी यहाँ आते है तो निश्चित ही उत्तराखंड प्रदेश के क्रिकेट को नई दिशा मिल सकेगी। 


महेंद्र सिंह धोनी एक एक शांत स्वभाव  के व्यक्तित्व        


भारतीय क्रिकेट जगत के सफलतम कप्तानों में से एक एमएस धोनी यानि महेंद्र सिंह धोनी है, जिनकी कप्तानी में भारत ने दो वर्ल्ड कप जीते, एक वनडे और दूसरा टी 20 क्रिकेट में। धोनी का जन्म भले ही रांची में हुआ हो, लेकिन उनका पैतृक गांव लावली उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा ब्लॉक में है। धोनी के माता-पिता को नौकरी के सिलसिले में उत्तराखंड से रांची जाना पड़ा। धोनी को माही के नाम से भी काफी मशहूरी मिली। माही एक शांत स्वभाव के व्यक्तित्व है और साथ ही उनको दुनिया के सबसे बेस्ट फिनिशर के रूप में माना जाता है। धोनी ने अपने विकेट कीपिंग के कौशल से सबको बहुत प्रभावित किया, और तो और धोनी के चौक्को, छक्कों यानि हेलिकॉप्टर शॉट की तो दुनिया फैन है। लेकिन धोनी ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज विकेट कीपर एडम गिलक्रिस्ट के फैन हैं। उनके द्वारा वर्ष 2011 में ICC विश्व कप के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ मारा गया छक्का सबसे लोकप्रिय माना जाता हैं। माही यानि धोनी सचिन तेंदुलकर, अमिताभ बच्चन और गायिका लता मंगेशकर को अपना आदर्श मानते है। 1993 में पहली बार उन्हें गोलकीपर के रूप में देखा गया था। उनके स्कूल के क्रिकेट कोच के.आर. बैनर्जी ने कहा की तुम विकेट कीपिंग करने की कोशिश करो। धोनी अपनी बचपन की दोस्त साक्षी के साथ 2010 में देहरादून के एक फार्महाउस में शादी के बंधन में बंधे। धोनी के घर 2015 में एक नहीं परी रीवा ने जन्म लिया, जिसकी आये दिन सोशल मीडिया पर धोनी के साथ वीडियो वायरल होती रहती है। 





दो बार के क्रिकेट विश्वकप विजेता महेंद्र सिंह धोनी  


किसी भी भारतीय क्रिकेटर का अंतिम सपना अपने देश के लिए विश्व कप जीतना है। यह टूर्नामेंट है, जिसे हर क्रिकेटर अपने क्रिकेटिंग करियर के दौरान कम से कम एक बार जीतने के लिए तरसता है। ऐसा ही एक सपना धोनी का भी था। उनकी कप्तानी ने भारत क्रिकेट को तीन मुख्य श्रेणी में शिखर पर रखा जिसमे वर्ष (2009-2011) में नंबर 1 टेस्ट रैकिंग विजेता , 2011 में एकदिवसीय विश्व कप विजेता, 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी विजेता और 2007 में ट्वेंटी-ट्वेंटी विश्व कप विजेता। उन्हें 2011 में भारतीय क्षेत्रीय सेना द्वारा लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से सम्मानित किया गया। उन्होंने दिसंबर 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान मेलबोर्न टेस्ट मैच के बाद अपनी टेस्ट सेवानिवृत्ति की घोषणा की।




भारत को दो वर्ल्‍ड कप दिला चुके विकेटकीपर बल्‍लेबाज धोनी ने 15 अगस्‍त को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया।  आज धोनी को संन्‍यास लिए हुए 11 दिन हो गए हैं, लेकिन अभी भी शुभकामनाओं का दौर जारी है। भारत की टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने भी एमएस धोनी को शानदार करियर के लिए बधाई देते हुए कहा कि धोनी चाहते तो मैदान से विदाई ले सकते थे, मगर शांति से ही दूर हो जाना उन्‍हें एमएस धोनी कैप्‍टन कूल बनाता है।.उन्होंने सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि देश के लिए भी बहुत कुछ हासिल किया है। 


भारत को दो बार वर्ल्‍ड कप दिलाने वाले एमएस धोनी ने 15 अगस्‍त की शाम को इंस्‍टाग्राम पर एक वीडियो पोस्‍ट करके तहलका मचा दिया उन्होंने सोशल मीडिया पर लंबे समय बाद अपना एक वीडियो शेयर किया। जिसमें कहा कि शाम 7 बजकर 29 मिनट से उन्‍हें रिटायर मान लिया जाए। माना यह भी जा रहा है कि धोनी ने इस फैसले को लेने में देरी इसलिए की क्योंकि वह टी20 वर्ल्‍ड कप खेलना चाहते थे लेकिन कोरोना महामारी के चलते वर्ल्‍ड कप टलने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है। उनके मन में सन्यास लेने का ख्‍याल लंबे समय से चल रहा था। सुशांत राजपूत की मौत से भी वो काफी दुखी थे। सुशांत राजपूत ने एमएस धोनी पर आधारित फिल्म में उनका किरदार निभाया था और 14 जून को उनका शव उनके अपार्टमेंट में पंखे से लटका हुआ पाया गया था।


धोनी ने भले ही टेस्ट और वनडे क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो, मगर एमएस धोनी शायद जल्‍द ही मैदान पर नजर आएंगे। आईपीएल के लिए चेन्‍नई सुपर किंग्‍स से धोनी ने अपनी तैयारी जारी रखी हुयी है।