यूजेवीएनएल में फर्जी तरीके से हुई नियुक्तियों की अब होगी जांच, राजभवन द्वारा दिए गए जांच के आदेश

जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि वर्ष 2002 व 2003 में उत्तरांचल जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) द्वारा बगैर किसी औपचारिकता पूर्ण किए 7 व्यक्तियों को रातो- रात अवर अभियंता बना दिया गया था। इस पूरे प्रकरण में आश्चर्यजनक है कि यूपीसीएल द्वारा वर्ष 2001 में अवर अभियंता के पदों हेतु विज्ञापन जारी किया गया था तथा इस प्रक्रिया में शामिल 5 व्यक्तियों, जोकि फाइनल सलेक्शन में अनुत्तीर्ण हो गए थे, उनको यूजेवीएनएल द्वारा नियुक्तियां प्रदान कर दी गई तथा दो अन्य व्यक्तियों को संविदागत नियुक्ति प्रदान की गई थी,जिसका यूजेवीएनएल से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था | उक्त मामले में मोर्चा द्वारा राजभवन से जांच की मांग की गई थी, जिसके क्रम में राजभवन द्वारा दिनांक 30-9-2020 को सचिव ऊर्जा को जांच के निर्देश दिए।


नेगी ने कहा कि उक्त अभियंताओं द्वारा अधिकारियों व विभाग से सांठगांठ कर इन 17-18 वर्षों में सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता व अधीक्षण अभियंता के पदों पर पदोन्नति भी हासिल कर ली। उल्लेखनीय है कि इन तमाम अनियमितताओं को लेकर विभाग के सहायक अभियंताओं तथा उत्तरांचल पावर इंजीनियर एसोसिएशन द्वारा वर्ष 2019 में प्रबंध निदेशक ,यूजेवीएनएल से भी शिकायत की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस भ्रष्ट विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर एवं मोटी उगाही कर दर्जनों लोगों को इसी प्रकार नौकरियां बांटी थी।