राजीव गांधी जयंती स्पेशल:आधुनिक भारत के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री ने अपनी ही मौत की कर दी थी भविष्यवाणी पत्रकार भी रह गए थे हक्के बक्के

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्म आज ही के दिन 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। बचपन मे बेहद संकोची स्वभाव के रहे राजीव गांधी 40 वर्ष की उम्र में भारत के प्रधानमंत्री बन गए थे,राजनीति का सफर तय करने से पहले राजीव गांधी एयरलाइन पाइलेट हुआ करते थे।राजीव गांधी कभी भी राजनीति में नही आना चाहते थे पर हालातों ने उन्हें राजनीतिक गलियारों के उच्च शिखर पर पहुंचा भी दिया और राजनीति ही उनकी मौत का कारण भी बन गयी थी।बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि राजीव गांधी ने अपनी मौत की भविष्यवाणी भी कर दी थी जी हाँ ये सच है। राजीव गांधी की माँ इंदिरा गांधी के प्रधान सचिव पीसी एलेक्जेंडर ने अपनी बुक "My days with Indira Gandhi" में खुलासा किया था कि इंदिरा गांधी की हत्या के कुछ ही घण्टो बाद उन्होंने ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट के गलियारे में सोनिया और राजीव गांधी को लड़ते हुए देखा था,उनकी लड़ाई इंदिरा गांधी की मौत के बाद प्रधानमंत्री पद को लेकर हो रही थी,राजीव गांधी सोनिया को कवच रहे थे कि मैं प्रधानमंत्री पद की शपथ लूं ? इस पर सोनिया नाराज़ हो गयी और बोली हरगिज़ नही ,वो तुम्हें भी मार डालेंगे,सोनिया के इस डर पर राजीव ने जवाब दिया था कि मेरे पास कोई ऑप्शन नही है मैं वैसे भी मारा जाऊंगा।

इसके अलावा भी राजीव गांधी की मौत को लेकर पत्रकार नीना गोपाल ने अपनी किताब द असेसिनेशन ऑफ राजीव गांधी में लिखा था कि जब मैंने राजीव गांधी से पूछा था कि क्या उन्हें अपनी जान का खतरा महसूस होता है तब जवाब में राजीव गांधी ने कहा था "क्या तुमने कभी नोटिस किया कि दक्षिणी एशिया का कोई भी महत्वपूर्ण नेता जब भी कभी ताकतवर होने लगता है अपने या देश के लिए कोई उपलब्धि प्राप्त करने की ओर बढ़ने लगता है तो उसे रोका जाता हमले किये जाते है या मार दिया जाता है भले ही वो इंदिरा गांधी हो,शेख़ मुजीबुर्रहमान हो ,जुल्फिकार अली भुट्टो हो,जियाउलहक या फिर भंडारनायके ही क्यो ना हो।"ये सुनकर तत्कालीन पत्रकारों में भी ख़ुसरपुसर होने लगी थी किताब के हवाले से ये खबर अखबारो में छपने लगी थी सब हक्के बक्के रह गए थे कि इन दोनों किताबो में जो लिखा गया है उससे यही लगता है कि राजीव गांधी राजनीति की गलियों का कड़वा सच जान चुके थे,उन्हें यकीन था कि उन पर एक दिन हमला ज़रूर होगा जिसमें उनकी मौत तक हो सकती है।

राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने थे शायद यही वजह रही होगी कि राजनीति में उनकी दखल तत्कालीन राजनैतिक पार्टियों को बर्दाश्त नही हुई राजीव गांधी ने अपने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए आधुनिक भारत के निर्माण की नींव रखी थी जिसे आज भी लोग याद करते हैं 

राजीव गांधी ने पंचायतों को मजबूती देने के लिए बड़े कदम उठाए, उन्होंने पावर टू द पीपल आईडिया को देश की पंचायती राज व्यवस्था को लागू करवाने के लिए लोकतंत्र के लिए मजबूत पिलर खड़ा किया,1989 में उन्होंने एक प्रस्ताव पास करवा कर पंचायतीराज को संवैधानिक अधिकार दिलाया।1992 में 73 और 74 वे संविधान के संशोधन के माध्यम से पंचायतीराज का आगाज़ हुआ,24 अप्रैल 1993 को पूरे भारत मे पंचायतीराज की व्यवस्था लागू हुई।

राजीव गांधी ने चुनाव में वोट देने के अधिकार में तय उम्र को भी घटाया था,पहले देश मे वोट देने का अधिकार 21 वर्ष की उम्र में मिलता था राजीव गांधी ने युवाओं के योगदान को देखते हुए वोट देने की उम्र सीमा 18 की,1989 में संविधान के 61वे संशोधन के ज़रिए वोट देने की उम्र को 21 से घटाकर 18 कर दी गयी जो आज भी लागू है।आज भी 18 वर्ष के युवाओं को अपना नेता,जनप्रतिनिधि,सांसद, या विधायक चुनने का हक है।

राजीव गांधी ने ग्रामीण बच्चों की शिक्षा को लेकर अहम कदम उठाए, उन्होंने ग्रामीण बच्चों को फ्री आधुनिक शिक्षा देने के उद्देश्य से प्रसिद्ध नवोदय विद्यालयों का शुभारंभ किया आज भारत मे 5 सौ से ज़्यादा नवोदय विद्यालय है जहां 2 लाख से ज़्यादा बच्चे शिक्षा गृहण करते हैं,इसके साथ ही राजीव गांधी ने जवाहर नवोदय विद्यालय की भी नींव रखी जहा मेधावी छात्रों को आवासीय सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाती है और इन विद्यालयों में एडमिशन भी योग्यता के अनुसार ही होता है यहां बच्चों की शिक्षा कक्षा 12 तक फ्री होती है।शिक्षा के क्षेत्र में ये यकीनन मील का पत्थर साबित हुई।

राजीव गांधी भारत के उन्नत भविष्य के लिए सुपर कंप्यूटर के लिए अमेरिका भी गए थे तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन से उन्होंने सुपर कंप्यूटर की मांग की थी राजीव गांधी को भारत के युवाओं के लिये बेहतरी की तलाश थी इसी धुन में उन्होंने अमेरिका से सुपर कंप्यूटर और क्रायोजेनिक इंजन की मांग की लेकिन तब अमेरिका ने राजीव गांधी की मांग को ठुकरा दिया जबकि अमेरिका की ही एक कम्पनी आईबीएम चाहती थी कि भारत के साथ समझौता हो और उनका सुपर कंप्यूटर भारत मे भी बिके, लेकिन रोनाल्ड रीगन ने ये कहकर साफ मना कर दिया कि ये सम्भव ही नही है,हम ना तो भारत को सुपर कंप्यूटर ही देंगे ना ही बनाने के लिए टेक्नोलॉजी देंगे इसके बाद राजीव गांधी ने अमेरिका को शीशा दिखाया और भारत में आधुनिक तकनीक के कंप्यूटर प्रोग्राम लेकर आये,जिसके तहत भारत मे आधुनिकीकरण का विस्तार हुआ।

राजीव गांधी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीतियों के ढांचे का भी विस्तार किया 1986 में उन्होंने पिछड़े वर्गों, दिव्यांगों के लिए,और अल्पसंख्यक लोगो की शिक्षा पर ज़ोर दिया और 14 वर्ष की आयु तक हर बच्चे के लिए शिक्षा अनिवार्य कर दी,साथ ही महिलाओं की शिक्षा पर भी जोर दिया।

 

 

देश के युवा और लोकप्रिय प्रधानमंत्री की 21 मई 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में चुनाव प्रचार के दौरान लिट्टे के आत्मघाती हमलावरों ने बम से हत्या कर दी थी,21 मई को राजीव गांधी बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है