रुद्रपुर ब्रेकिंग : किसान बिल को लेकर कांग्रेसियों का हल्ला बोल

भाजपा सरकार द्वारा लाये कृषि बिलों के खिलाफ देश भर में देश व्यापी आंदोलन में 265 से अधिक किसान संगठन सड़कों पर है, तो पूरे देश में हर प्रदेश में भाजपा के विपक्षियों ने इस मुद्दे को जमकर हवा देते हुए भुनाने की कोशिश की है। प्रदेश उत्तराखंड में भी लगातार भाजपा द्वारा लाये कृषि बिलों के खिलाफ लगातार आंदोलन, धरना प्रदर्शन के माध्यम से आवाज़ होता रहे है। उत्तराखंड में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में जगह-जगह कई बड़े कार्यक्रमो के माध्यम से भाजपा द्वारा लाये कृषि बिलों को काला कानून बताकर प्रदेश वासियों का ध्यान अपनी और आकर्षित करने का काम कर रही है। इस के मद्देनज़र उत्तराखंड के औद्योगिक और राजनैतिक हब बन चुके महानगर रुद्रपुर के भगत सिंह चौक पर किसान बिल के विरोध में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम किया गया। जिसमें कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए जमकर प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के वक्ताओं ने किसान बिल को काला क़ानून बताकर केंद्र और राज्य सरकार को जमकर कोसा। 


इस दौरान कांग्रेसियों ने किसान विरोधी अध्यादेश को वापिस लेने की मांग की, तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए जो अध्यादेश लगा गया है वह न सिर्फ किसानों के लिए हानिकारक है बल्कि आम उपभोक्ताओं के हितो के भी विपरीत है। कांट्रैक्ट फार्मिंग में यदि कोई विवाद की स्थिति उत्त्पन्न होती है तो किसान कॉरपरेट कंपनियों से कैसे लड़ पायेगी, एमएसपी का भी बिलों में कोई जिक्र नहीं है। आज भी किसान का धान एमएसपी से बहुत काम दाम पर बिक रहा है। देश में किसानों की कोई सुनवाई नहीं है। केंद्र सरकार जब किसान अध्यादेशों को ला रही थी तो उसके घटक दलों ने भी इस बिल का विरोध किया था। केंद्रीय मंत्री ने त्यागपत्र तक दे दिया था। उसके बावजूद भी भाजपा सरकार अपनी मनमानी कर रही है। उनका कहना है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम को दरकिनार कर कंपनियों को असीमित भण्डारण की छूट दी जा रही है, जिससे महंगाई बढ़ेगी और आम उपभोक्ता भी प्रभावित होगा। इसीलिए भाजपा सरकार द्वारा किसान बिल आज देश में काले बिल के रूप में साबित हो रहा है। पूरे देश में किसान आंदोलन पर है किसानों के इस आंदोलन में कांग्रेस अपने किसान भाइयों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर खड़ा है। केंद्रीय भाजपा सरकार को किसानों के हित में काले अध्यादेश को वापिस लेना होगा।