रुद्रपुर : सिडकुल की दुर्गा फाइबर कंपनी ने मानकों को रखा ताक पर , जिम्मेदार अधिकारी फिर भी हैं सुस्त

सूबे उत्तराखंड के जिला ऊधम सिंह नगर जिला मुख्यालय के पंतनगर स्थित औद्योगिक नगरी सिडकुल के सेक्टर 7 में स्थापित दुर्गा फाइबर कंपनी का अग्निकांड आसानी से आम लोगों के कल से नहीं उतर रहा है। आपको बता दें दुर्गा फाइबर और अग्निकांड का अपने आप में पुराना रिश्ता है यहां थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद आग की घटनाएं सामने आती हैं बावजूद कंपनी पर अभी तक किसी भी प्रकार से प्रशासनिक कार्रवाई ना होना प्रशासन की मंशा पर कई प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। 


आपको बता दें उत्तराखंड के स्थापना के बाद ऊधम सिंह नगर में लोगों को रोजगार देने के तत्कालीन सरकार ने यहां औद्योगिक नगरी सिडकुल की स्थापना की जिसके साथ लोगों ने रोजगार की नई किरण आशा से सिडकुल को देखने लगे । लेकिन बढ़ते समय के साथ रोजगार की चाह रखने वाले आम इंसान को मायूसी के साथ औद्योगिक नगरी में बधुआ मजदूर हैसियत से काम कराया जाने लगा। दो वक्त की रोटी के लिए आम इंसान को श्रमिक बनकर रोजाना औद्योगिक नगरी के विभिन्न कंपनियों में अपनी जान जोखिम में डालनी पढ़ती है । साथ ही कंपनियों में ठेकेदारी प्रथा चरम पर होने के कारण कंपनियों के मजदूरों को कई उत्पीड़न के साथ अपनी जान के जोखिम के साथ कंपनियों में काम करना पड़ता है ।


मामला एक बार फिर बीते कुछ दिन पूर्व हुए दुर्गा फाइबर कंपनी अग्निकांड से जुड़ा हुआ है उपयुक्त कंपनी में आग में एक श्रमिक जिंदा जलकर राख हो गया।  भले ही कंपनी प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को मुआवजा और आश्वासन देकर उनके घाव पर मरहम लगा दिया लेकिन मजदूर की जान की कोई कीमत नहीं है।  


आपको बता दें सिडकुल सेक्टर 7 में स्थित दुर्गा फाइबर कंपनी की स्थापना हुए लगभग 14 साल हो गए हैं और इन 14 सालों में अब तक पिछले 8 साल के भीतर 6 से भी अधिक बार आग लगने की घटना हो चुकी है। दमकल विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 2014 से अब तक उपयुक्त कंपनी में कई बार अग्निकांड हुआ है। दमकल विभाग से मिले आकड़ो के अनुसार 2013 में 9 फरवरी , 2015 में 2 मार्च , 2016 में 2 नवंबर , 2018 में18 मार्च , 2021 में 11 फरवरी और इस साल बीते कुछ दिन पूर्व यानी 12 अप्रैल 2021 को कंपनी में अग्निकांड हुआ। आपको बता दे कि यह वो आंकड़े जो बड़े और विकराल रूप में सामने आए लेकिन सूत्र बताते हैं कि इस कंपनी में अक्सर काम के दौरान आग की घटनाएं सामने आती हैं लेकिन उन पर कई बार काबू पा लिया जाता है तो कई बार बेकाबू होकर विकराल रूप ले लेता है। सूत्रों के अनुसार दुर्गा फाइबर कंपनी में काम के दौरान आपके घटनाएं आमबात है। 


आपको बता दे कि मिली जानकारी इस बार बहुत चौका देने वाला है। जानकारी के अनुसार सिडकुल में स्थित दुर्गा फाइबर कंपनी ने मानकों को ताक पर रखकर अवैध निर्माण कराया है।  जिसका जीता जागता उदाहरण यही है कि कंपनी में जिस गेट से श्रमिक को प्रवेश करता है वहीं से उसे बाहर भी जाना  पड़ता है ऐसे में अगर कभी कोई हादसा होता है तो कंपनी में भगदड़ मचना और उसमें जनहानि होना साधारण सी बात है। कंपनी में बीते दिन हुए हादसे की धटना से यह स्पष्ट हो गया है कि कंपनी में श्रमिकों की सुरक्षा को ताक पर रखा गया है। जानकारी के अनुसार अग्निकांड वाले दिन कंपनी में मात्र 4 मशीनें ही चल रही थी और एक मशीन पर 14 श्रमिक काम कर रहे थे ऊपरी मंजिल में 7 श्रमिक जो थर्माकोल के बंडल एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट कर रहे थे जब कंपनी में आग की लपटें उठने लगी तो ऊपर काम कर रहे 7 श्रमिकों में से 6 श्रमिकों ने भाग और कूद कर अपनी जान बचाई जबकि एक श्रमिक वही फस गया और अंत में उसे अपनी जान गवानी पड़ी। 


आवाज उत्तराखंड लगातार यह सवाल उठा रहा है कि जिस कंपनी में सारे नियम कानून ताक पर रखकर काम के दौरान मजदूरों के जान को जोखिम में डाला जाता है तो कई बार बड़े हादसे होने के बावजूद भी इस कंपनी को कई विभागों से किस आधार पर क्लीन चिट मिल गई है। कम्पनी में लगातार होने वाले हादसों के बावजूद प्रशासन अनदेखी क्यों कर रही है। क्या प्रशासन को इस बात की भनक नहीं है कि फिर यहां पर कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इतने बड़े हादसे के लिए कंपनी के पास प्राथमिक उपचार की कोई सुविधा तक क्यों नहीं थी। कम्पनी में आपातकाल के दौरान श्रमिकों को जान बचाकर एक जगह एकत्रित होने के लिए कोई सुरक्षित स्थान क्यों मौजूद नहीं है।