साहब से ज्यादा मेमसाहब का जलवा, एक अधिकारी की पत्नी के जलवे तो देखिए जनाब

साहब से ज्यादा मेमसाहब का जलवा, एक अधिकारी की पत्नी के जलवे तो देखिए साहब।मैडम के जलवे भी एैसे कि पूरी सरकार उनके सामने कुछ नहीं है। जब सैंया अधिकारी है तो मैडम के जलवे तो होगें ही।और तो और साहब ने तो मैडम की तारीफ में कसीदे भी पढ़ दिए।जी हां उत्तराखंड वन विभाग में मैडम का अलग ही औरा दिखाई दे रहा है और औरा भी दिखाई दे भी क्यों न,मैडम वन विभाग के सबसे बड़े अधिकारी की पत्नी जो है।वन विभाग का मंगलवार को देहरादून की झंझरा रेंज में सिटी फारेस्ट के उद्घाटन का अवसर था जिसको आनंद वन का नाम दिया गया, सीएम को पूरे आनंद वन का दौरा कराया गया लेकिन चर्चा इस पूरे कार्यक्रम में वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक जयराज की पत्नी साधना जयराज की थी कार्यक्रम में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ साथ वन मंत्री हरक सिंह रावत भी थे लेकिन कार्यक्रम में उदबोधन कर रहे प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने पूरे कार्यक्रम को ही अपनी पत्नी साधना जयराज को ही समर्पित कर दिया।

 

उन्होंने इस पूरे सिटीफारेस्ट के कांसेप्ट के लिए ना सीएम और ना ही वन मंत्री को कोई क्रेडिट दिया बल्कि सारा क्रेडिट अपनी पत्नी को ही दे डाला,यहां तक की जिन लोगों ने सिटी फॉरेस्ट को बनाने के लिए जी जान लगा दी उनका नाम लेना भी अधिकारी महोदय भूल गए।हद तो तब हो गई जब महोदय ने अपनी पत्नी की तुलना दसरथ मांझी से कर दी। कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री के सामने मंच से वन विभाग के अधिकारी ने अपनी पत्नी की तारीफ में इतने कसीदे पढ़ दिए मानो जैसे कार्यक्रम सरकारी नहीं बल्कि प्रमुख वन संरक्षक जयराज का निजी रहा हो। चलिए कुछ भी हो इससे पहले वन मंत्री और पीसीसीएफ जयराज के बीच नाराजगी के कई दौर चले हैं लेकिन वन विभाग के इस कार्यक्रम में जो प्रमुख वन संरक्षक जयराज साहब ने क्रेडिट देने का काम किया वो गजब ही रहा।माना कांसेप्ट डिजाइन  इंप्लीमेंट का काम मैडम का ही था, लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्री के सामने जो क्रेडिट देने का उद्बोधन हुआ वह तो गजब ही रहा।इसीलिए तो जब सैंया है अधिकारी तो जलवा जलाल तो होगा ही।