सोमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान पर लगा प्रतिबंध, बॉर्डर किये गये सील

प्रदेश में लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने राज्य में दो दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है. जिसके चलते 20 फरवरी को हरिद्वार में होने वाले सोमवती अमावस्या के स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचने वाले यात्रियों के आगमन पर रोक लगा दी गई है. स्नान के अतिरिक्त अस्थि विसर्जन, कर्मकांड पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. इसके अलावा उत्तराखंड की सभी सीमाओं को भी सील किया गया है.

इसके अलावा बिना अनुमति के दूसरे राज्यों से हरिद्वार पहुंचने वाले यात्रियो को निजी खर्चे पर 14 दिन के लिए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन भी किया जाएगा. स्थानीय लोगों के लिए भी हरिद्वार के समस्त घाटों पर प्रवेश बंद कर दिया गया है. अनाधिकृत प्रवेश पर यात्रियों और स्थानीय लोगों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम में कार्रवाई की जाएगी. उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री और शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा है कि सरकार ने निर्णय लिया है कि इस बार गंगा स्नान परंपरा के अनुसार नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कोरोना के कारण श्रद्धालुओं के हरिद्वार पहुंचने पर रोक लगाई गई है. उन्होंने कहा इसमें श्रद्धालु भी सरकार का सहयोग करें. इससे वह अपने आप को भी बचाएंगे और समाज को भी भी. उन्होंने कहा जरूरी हो तभी घरों से बाहर निकले. घर से निकलते हुए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.


इसके अलावा पुलिस प्रशासन ने भी इसके लिए विशेष तैयारियां की हैं. उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक ने पूरे देशवासियों के साथ ही खासतौर पर उत्तर भारत राज्यों के आने वाले श्रद्धालुओं से सोमवती अमावस्या के दिन हरिद्वार न आने की अपील की है. उन्होंने कहा इस बार अपने आसपास की नदी, घाटों में ही स्नान,धार्मिक कांड करें. उत्तराखंड पुलिस का मानना है कि हर बार गर्मियों में आने वाले सोमवती अमावस्या के दिन जम्मू से लेकर गुजरात और देश के अन्य राज्यों से 50 से 60 लाख लोग यहां पहुंचते हैं. ऐसे में अगर संवेदनशील राज्यों और शहरों से 10 संक्रमित लोग भी स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचते हैं तो यह वायरस चेन के रूप में बहुत नुकसान पहुंचाएगा.पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार देशवासियों से अपील करते हुए कहा है कि मनुष्य की जान से बढ़कर कोई महत्वपूर्ण काम नहीं है. ऐसे में सभी श्रद्धालु सार्वजनिक कार्यक्रमों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों पर जाने से बचें.