सड़क निर्माण को लेकर बद्रीनाथ-केदारनाथ हाईवे पर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

सड़क निर्माण की मांग को लेकर आखिरकार स्वीली-सेम के ग्रामीणों को गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। ग्रामीणों ने केदारनाथ और बद्रीनाथ हाईवे पर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्षन करते हुये विधायक और जिलाधिकारी का घेराव किया। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुये कहा कि यदि 15 दिन के भीतर सड़क का निर्माण शुरू नहीं होता है तो ग्रामीण आंदोलन को तेज कर देंगे।


रुद्रप्रयाग जनपद के दूरस्थ गांव स्वीली, सेम और डुंगरी आज तक मोटरमार्ग से नहीं जुड़ पाये हैं। जिस कारण ग्रामीणों को प्रत्येक दिन तीन से चार किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। ग्रामीणों की दिक्कतें तब अधिक बढ़ जाती हैं, जब मरीजों को स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाना पड़ता है। यातायात के अभाव में कई बार मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। मोटरमार्ग निर्माण न होने से ग्रामीणों ने 26 जनवरी से गांव में धरना प्रदर्शन और क्रमिक अनशन जारी कर दिया था। 10 दिन गुजर जाने के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों का गुस्सा जिला मुख्यालय में बद्रीनाथ और केदारनाथ हाईवे पर फूट पड़ा। 

आंदोलित ग्रामीणों ने सबसे पहले लोक निर्माण विभाग कार्यालय के अधिशासी अभियंता के कार्यालय में तालाबंदी की। इसके बाद ग्रामीणों ने पुराने विकास भवन का घेराव कर दिया, जहां जिलाधिकारी ने जनता दरबार लगा रखा था। जनता दरबार को छोड़कर जिलाधिकारी को ग्रामीणों से वार्ता करने के लिये मजबूर होना पड़ा। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि ग्रामीणों के आंदोलन को देखते हुये एक माह तक मोटरमार्ग निर्माण की दिशा में कार्रवाई शुरू की जायेगी। 


जिलाधिकारी के आश्वासन देने के बाद भी आंदोलित ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और भारी संख्या में मौजूद ग्रामीण विधायक कार्यालय के बाहर धमके और जोरदार प्रदर्शन  शुरू कर दिया। बाद में मजबूर होकर विधायक भरत सिंह चौधरी को आंदोलित जनता के बीच आना पड़ा। विधायक ने भी आश्वासन दिया कि मोटरमार्ग निर्माण की दिशा में कार्रवाई चल रही है। शीघ्र ही मोटरमार्ग निर्माण किया जायेगा।