कोरोना हाहाकार : हालात फिर बिगड़े शमशानों में अंतिम संस्कार के लिए मृतकों के परिजनों को करना पड़ रहा है घण्टो इंतज़ार शमशान गृहों में फिर अफरातफरी का माहौल

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर और नया स्ट्रेन देशभर में फिर कोहराम मचा देगा किसी ने सोचा भी नही होगा, जैसे तैसे हालात काबू में हुए फिर दिसम्बर तक सब कुछ सामान्य हो गया लेकिन नए साल में फिर पता चला कि कोरोना का नया स्ट्रेन पहले से भी घातक है अब हालात पिछले साल जैसे ही खराब होने लगे है। हालात ये हो गए है कि शमशानों में अंतिम संस्कार के लिए 3-4 घंटे के लिए वेटिंग में लगना पड़ रहा है।


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बढ़ते मौतों के मामलों और कोविड प्रोटोकॉल के चलते सूरत और अहमदाबाद में अंतिम संस्कार के लिए मृर्तकों के परिजनों को वेटिंग में रहना पड़ रहा है।


एक विश्वसनीय रिपोर्ट के अनुसार, सूरत के एक श्मशान में गुरुवार को कोरोना से हुई मौतों के बाद चंद घंटों में 40 शव पहुंचे, यहां 15 मिनट में ही 3 एंबुलेंस से 9 शव लाए गए। यही नहीं एक एंबुलेंस में तो 6 शव रखे हुए थे, एक दिन में पहली बार इतने शवों के चलते यहां जगह कम पड़ गई, परिणामस्वरूप परिजन को अंतिम संस्कार के लिए 3 से 4 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। प्रशासन के अनुसार सूरत में कोरोना से रोज 5 से 8 मौंतें दर्ज हो रही हैं, हकीकत यह है कि कोविड प्रोटोकॉल से रोज 100 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है, श्मशान गृहों में अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला रहा। यही हाल अश्निनी कुमार श्मशान गृह का भी जहां, तीन-चार एंबुलेंस रोजाना 3-4 फेरे लगा रही हैं, पिछले ही हफ्ते एक ही एंबुलेंस से 6 शव भेजे गए थे, जिन मृतकों के शव वहां रखे हुए थे उनमें से कई के परिजनों को तो पता ही नहीं चल रहा था कि उनके रिश्तेदार का शव कौन सा है।


आज तक कि एक खबर के अनुसार, अहमदाबाद में सिविल अस्पताल डेड बॉडी स्टोरेज लाशों से भरा पड़ा है और हर घंटे में लाशों में बढ़ोतरी हो रही है। सिविल अस्पताल के डेड बॉडी स्टोरेज में लोगों की भीड़ दिखाई देती है, कई लोग तो 3-3 घंटों से कोविड अस्पताल के बाहर अपने प्रियजन का शव लेने के लिए खड़े रहते है।अस्पताल स्टाफ द्वारा उन्हें बताया गया है कि अभी एंबुलेंस ही खाली नहीं, क्योंकि एंबुलेंस 24 घंटे अस्पताल से श्मशान गृहों के चक्कर लगा रही है।



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