JNU में फिर भड़काऊ नारों से रंगी कैंपस की दीवारें!ब्राह्मण बनियों कैंपस छोड़ो,हम बदला लेंगे,खून खराबा होगा जैसे नारे दीवारों पर किसने लिखे?पहले भी लग चुके है भारत तेरे टुकड़े होंगे,फिर बनाओ बाबरी जैसे नारे

In JNU campus walls painted with provocative slogans again! Brahmins Baniya leave the campus! we will take revenge, blood will be spilled, who wrote slogans on the walls? Bharat Tere Tukde Honge, bui

दिल्ली:3/12/2022

देश मे जब जब चुनाव होने वाले होते है तब तब कहीं न कहीं दंगे भड़कने के आसार नजर आने लगते है। एक तरफ गुजरात विधानसभा चुनाव, MCD चुनाव तो दूसरी ओर दिल्ली जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय जेएनयू की दीवारों पर भड़काऊ नारे इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे है। जेएनयू हमेशा ही विवादों में घिरा रहा है और विवादों के कारण न तो देश हित के रहे न ही जेएनयू विवि के लिए। बीते गुरुवार भी ऐसा ही कुछ हुआ जब  जेएनयू की दीवारों पर ब्राह्मण और बनिया विरोधी नारे लिखे गए। ये बेहद ही चिंताजनक है क्योंकि नारो के साथ चेतावनी भी दी गयी है।इनमें "ब्राह्मण कैंपस छोड़ो,हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं, ब्राह्मण बनियों देश छोड़ो,शाखा वापस जाओ,हम बदला लेंगे,खून खराबा होगा" जैसे नारो से जेएनयू की दीवारें रंगी गयी हैं। 
ये नारे बेहद भड़काऊ थे।

 

इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं. जेएनयू टीचर्स फोरम ने भी कुछ फोटो ट्विटर पर शेयर किए हैं. पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है- ‘जबकि वामपंथी उदारवादी गैंग हर असहमत आवाज को डराने-धमकाने का काम करते हैं, वे ऐसा EC प्रतिनिधि चुनने की भी अपील करते हैं जो पारस्परिक सम्मान, नागरिक मूल्य स्थापित करे और सबको समान ट्रीटमेंट दे. गुंडागर्दी का बेहद निंदनीय काम.’

 

जेएनयू रजिस्ट्रार का कहना है कि विश्वविद्यालय, परिसर में इन बहिष्कारवादी प्रवृत्तियों की निंदा करता है। ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि जेएनयू सबका है। विश्वविद्यालय की कुलपति के मुताबिक डीन, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज और शिकायत कमेटी को जल्द से जल्द पूछताछ करने और रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से रजिस्ट्रार का कहना है जेएनयू समावेश और समानता के लिए खड़ा है। वीसी कैंपस में किसी भी तरह की हिंसा के लिए जीरो टॉलरेंस पर जोर देती है।

जेएनयू के छात्र संगठनों की बात करें तो एबीवीपी के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा कि हमारा संगठन इस प्रकार की अभद्र टिप्पणियों की घोर निंदा करता है। रोहित ने इस प्रकरण के लिए वामपंथी विचारधारा से जुड़े छात्रों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उन्होंने ही जेएनयू की दीवारों पर यह अभद्र बातें लिखीं हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि विश्वविद्यालय की दीवारों पर लिखी गई इस प्रकार की आपत्तिजनक बातें ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन छात्रों द्वारा लिखी गई हैं। छात्र संगठन का कहना है कि वामपंथी विचारधारा से जुड़े छात्र और उनके समर्थक जेएनयू में कुछ प्रोफेसर्स को डराने के लिए ऐसी धमकी भरी टिप्पणी या लिख रहे हैं। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मामले में तुरंत सख्त कार्रवाई की भी मांग की है।
वहीं, ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन से जुड़े छात्रों ने इस घटना में शामिल होने से इनकार किया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संगठन के सदस्य व पूर्व अध्यक्ष एन साईं बालाजी ने इन आरोपों से इनकार किया है। बालाजी ने उल्टा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पर आरोप लगाते हुए संदेह व्यक्त किया कि यह स्वयं एबीवीपी के कार्यकर्ताओं की हरकत हो सकती है।


गौरतलब है कि जेएनयू के अंदर अक्सर कोई न कोई विवाद बखेड़ा खड़ा कर देता है। यहाँ कभी भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे नारो की गूंज सुनाई देती है तो कभी धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले नारे सुनाई देते है। सवाल ये है कि जब इस तरह के नारे दीवारों पर लिखे गए तो ये कैसे मुमकिन है कि नारे लिखते वक्त किसी ने नही देखा हो।?जेएनयू के अंदर नफ़रत के बीज बोने वाले आखिर ये कौन लोग है जिनका दबदबा इतना है कि वो भड़काऊ नारो से कैंपस के दीवारों को रंगने लगे और कानों कान किसी को भनक तक नही लगी बाद में आरोप प्रत्यारोप ही चल रहे है। जेएनयू में लिखे गए भड़काऊ नारे किसी बड़े खतरे का पैगाम तो नही?क्या इस तरह की गतिविधियों को केवल जेएनयू के मामले समझकर छोड़ देना सही होगा? जिन धमकियों से जेएनयू की दीवारें पोती गई है उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए और पूरी जांच होनी चाहिए कि आखिर इतने भड़काऊ नारो के पीछे किसका हाथ है।