पिथौरागढ़ एक्सक्लूसिव: विवादों में रही हिलवेज़ कन्स्ट्रकशन कंपनी उड़ा रही मानकों की धज्जियां खुलेआम फेंका जा रहा मलबा कॉंग्रेस ने किया था ब्लैकलिस्टेड, बीजेपी सरकार ने किया बहाल
पिथौरागढ़ : टनकपुर तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग में हिलवेज़ कन्स्ट्रकशन कंपनी ऋषिकेश के द्वारा मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए चौडीकरण का कार्य किया जा रहा है और चौडीकरण के पश्चात निकले मलबे को डम्पिंग जोन में डालने की बजाय सीमा से सटी काली नदी में फेंका जा रहा है । अत्यधिक मलबे के फेंके जाने से मार्ग और नदी के बीच उगे औषधीय पौधे नष्ट हो रहे है । भाजपा के मण्डल अध्यक्ष गणेश चंद के द्वारा NGT और पिथौरागढ़ जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र भेजा है, जिसमें हिलवेज़ कन्स्ट्रकशन कंपनी के द्वारा मार्ग के चौडीकरण में बरती जा रही अनियमितताओं को उजागर किया गया है । पत्र के साथ मलबे को फेंके जाने की तस्वीरें भी संलग्न की है । आपको बताते चलें कि शासन स्तर पर मार्ग विस्तारीकरण में निकले मलबे को नदी या खुले स्थान में फेंकने पर रोक है विस्तारीकरण में निकले मलबे को इकट्ठा करने के लिए डम्पिंग जोन बनाने का नियम है जिसकी दूरी भौगौलिक परिस्थिति के अनुसार तय होती है । उत्तराखंड में आल वेदर रोड के कार्य में संबन्धित ठेकेदारों के द्वारा जरूरत के अनुसार डम्पिंग जोन बनाए गए जहां मलबे को इकट्ठा किया गया है । डम्पिंग जोन बनाने और मलबे को एकत्रित करने की पूरी ज़िम्मेदारी संबन्धित ठेकेदार की ही होती है लेकिन टनकपुर तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग जो नेपाल से सटा हुआ है और बेहद संवेदनशील है जहां राष्ट्रीय राजमार्ग से लगी हुई काली नदी बहती है भारत और नेपाल की सीमा को विभाजित करती है इसी नदी के किनारे कई प्रजाति के औषधीय पौधे लगे हुए है जिनके ऊपर हिलवेज कंपनी मलबे को डाल रही है और स्थानीय प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है।
टनकपुर तवाघाट मार्ग के विस्तारीकरण हेतु ऑनलाइन टेंडर करवाए गए थे 38 किलोमीटर के विस्तारीकरण के लिए विभाग द्वारा प्रस्तावित कीमत 400 करोड़ रखी गयी थी जिसमें हिलवेज़ कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा 400 करोड़ का काम 280 करोड़ में करने की बिड लगाई गयी चूंकि बिड प्रस्तावित कीमत से बहुत कम थी इसलिए विस्तारीकरण का कार्य हिलवेज़ कन्स्ट्रकशन कंपनी को मिल गया । और अब हिलवेज़ कंपनी 400 करोड़ के विस्तारीकरण कार्य को 280 करोड़ की लागत में ही पूरा करने के लिए कई तरह की अनियमितताओं का सहारा ले रही है।
ऋषिकेश स्थित हिलवेज़ कंस्ट्रक्शन कंपनी पहले से ही कई विवादों में रही है पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑल वेदर रोड परियोजना में साल 2022 में ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे में हिलवेज़ कंस्ट्रक्शन द्वारा निर्मित 30 मीटर लंबी आरसीसी दीवार क्षतिग्रस्त हो गई थी जिसके बाद विश्व हिन्दू परिषद के नेता पावन राठौर के चमोली थाने में हिलवेज़ कन्स्ट्रकशन कंपनी के खिलाफ तहरीर दी थी। इसी तरह साल 2022 में मध्य प्रदेश के भिलाई से दमोह 45 किलोमीटर सड़क निर्माण में 200 पेड़ों की बलि लेने का श्रेय भी उत्तराखंड की हिलवेज़ कंस्ट्रक्शन कंपनी को जाता है।
श्रीनगर का चौरासा पुल जिसका ठेका निर्माण कार्य की धीमी गति और कुछ अन्य कारणों के चलते इस पुल निर्माण का कार्य हैदराबाद की कंपनी माधवा हाईटेक इंजीनियरिंग से हटाकर ऋषिकेश की हिलवेज़ कंपनी को दे दिया गया । साल 2012 रविवार 25 मार्च की सुबह अचानक ढाई बजे के करीब पुल दो हिस्सों में टूट कर अलकनंदा नदी में गिर गया जिसमें छः मजदूरों की मौत हो गयी और अभियंता के साथ 18 मजदूर घायल हो गये थे । जिसके बाद एक घायल मजदूर मुकेंद्र सिंह की तहरीर पर कीर्तिनगर पुलिस चौकी में माधवा हाईटेक इंजीनियरिंग, हिलवेज प्रा.लि., देवभूमि बिल्डर्स और लोनि. वि. पौड़ी के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 304 के अंर्तगत मुकदमा जरूर दर्ज किया गया था।
हाल ही में रानीबाग पुल जिसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता को समर्पित किया है इसका निर्माण भी हिलवेज़ कन्स्ट्रकशन कंपनी के द्वारा किया है । कुमाऊँ की लाइफ़लाइन कहे जाने वाला रानीबाग पुल 7.14 करोड़ कि लागत से 22 माह में हिलवेज़ कन्स्ट्रकशन कंपनी के द्वारा तैयार किया गया। उत्तराखंड में ऑल वेदर रोड का निर्माण करने वाली ऋषिकेश की कंपनी हिलवेज़ कंस्ट्रक्शन जो वर्तमान में बीजेपी सरकार में जमकार टेंडर उठा रही है इस कंपनी को साल 2013 में तत्कालीन कॉंग्रेस सरकार ने श्रीनगर का चौरास पुल गिरने के बाद कार्यवाही करते हुए ब्लैक लिस्ट कर दिया था । बीजेपी सरकार आने के बाद हिलवेज़ कंस्ट्रक्शन कंपनी को बहाल कर दिया गया और अब करोड़ों के टेंडर दिये जा रहे है । ऐसा लगता है कि वर्तमान धामी सरकार को न तो जनता की चिंता है और न पर्यावरण की अगर ऐसा होता तो विवादों में घिरी कंपनी को कभी संवेदनशील इलाकों में निर्माण कार्य देने की भूल सरकार नहीं करती जबकि उत्तराखंड में कई बड़ी कंपनियाँ है जो बेहतर निर्माण कार्य करने के लिए जानी जाती है।