हंगामे के बाद दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र स्थगित, आप पार्टी के विधायकों ने एलजी हाउस तक मार्च 

Three-day session of Delhi Assembly adjourned after uproar, AAP MLAs march to LG House

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र आज हंगामे के बाद स्थगित हो गया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में आप पार्टी के विधायकों ने एलजी हाउस तक मार्च किया. दिल्ली सरकार के निर्णय में एलजी विनय सक्सेना के कथित हस्तक्षेप पर आप ने अपना भारी विरोध दर्ज कराया. एलजी के कार्यालय ने प्राथमिक शिक्षकों के प्रशिक्षण के किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने से इनकार किया है. केजरीवाल सहित सभी विधायक हाथों में तख्तियां लिए नजर आए, जिन पर लिखा था, 'मिस्टर एलजी, शिक्षकों को फिनलैंड जाने की इजाजत दीजिए.'

केजरीवाल और उनके सहयोगी एलजी के आवास के पास पहुंचे, तो एलजी के कार्यालय ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया, "इसके विपरीत कोई भी बयान जानबूझकर भ्रामक और शरारत से प्रेरित है. सरकार को सलाह दी गई है कि वह प्रस्ताव का समग्रता से मूल्यांकन करे और रिकॉर्ड दर्ज करे." छात्रों को प्रदान की जा रही शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव के संदर्भ में लागत लाभ विश्लेषण, ताकि अतीत में किए गए शिक्षकों के लिए विभिन्न विदेशी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके."

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एलजी साहब ने हमारे बहुत काम रोक दिए, मेरी उनसे अपील है कि वो संविधान को माने. इससे पहले बीजेपी विधायक ऑक्सीजन सिलेंडर और मास्क लगाकर पहुंचे. बीजेपी विधायकों का कहना है कि प्रदूषण के चलते हैं उन्होंने मास्क और सिलिंडर लगाया है. वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर आपत्ति की और कहा कि इस को हटाइए. 

नेता विपक्ष रामवीर सिंह विधूडी ने सदन में कहा कि कभी भी दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के विधायकों को बोलने की अनुमति नहीं दी गई है. राम निवास गोयल, स्पीकर- इस सदन को अपंग बना दिया. किसी मुद्दे पर कोई उत्तर सदन को नहीं आता. कंझावला पर कोई सवाल लगा दे तो कोई जवाब नहीं आता. क्या बीजेपी को चिंता नहीं है दिल्ली के लोगों की मैं विपक्ष के प्रस्ताव पर चर्चा नहीं करवाऊंगा.

दिल्ली विधानसभा सत्र की शुरुआत में स्पीकर राम निवास गोयल ने दिल्ली पुलिस और सरकार के अलग अलग विभागों से विधायकों के सवाल का जवाब न मिलने पर आपत्ति जताई. स्पीकर ने कहा कि भाजपा द्वारा सदन को अपंग बना दिया गया है. आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार ने साढ़े 3 साल की लंबी लड़ाई बड़ी है. 2018 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया कि दिल्ली के उपराज्यपाल के पास पब्लिक ऑर्डर, लैंड और पुलिस का अधिकार है. इसके अलावा कोई अधिकार नहीं है.

इसके अलावा अगर कोई भी मामला उनके पास जाएगा तो उपराज्यपाल इसको ना नहीं कर सकते या तो उसे पास कर सकते हैं या फिर राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं. वह हर फाइल को वापस भेज देते हैं उनके पास इसका कोई अधिकार नहीं है. एलजी साहब ना कानून बनते हैं ना संविधान मानते हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऑर्डर कहा जाता है. यह आपको निर्देश है कोई सलाह नहीं है.

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने इसी के साथ ये भी कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि रामवीर बिधूड़ी जी उपराज्यपाल के वकील बन गए हैं. शिक्षकों की ट्रेनिंग रोके जाने के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के विधायक वेल में उतरे. वेल में विधायकों ने उपराज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी भी की . 

ऐसे में विधानसभा सत्र के हंगामेदार होने के आसार पहले ही जताए  जा रहे थे. दिल्ली एमसीडी चुनावों के बाद मेयर पद के चुनाव को लेकर दिल्ली सरकार और एलजी के बीच भी तकरार देखने को मिल रही है. हालांकि दिल्ली सीएम और एलजी विनय कुमार सक्सेना के बीच तकरार कोई नई नहीं है. अक्सर किसी न किसी मुद्दे पर दोनों के बीच ये खींचतान चलती ही रहती है, जो कि खूब सुर्खियां भी बटोरती है.