उत्तराखंड:तुझे तो मैं घुटनो पर ले आऊंगा!देख लूंगा तुझे,तेरे लिए तो फील्डिंग तैयार है!नैनीताल की बेटी महिला प्रवक्ता के साथ विद्यालय में हुई अभद्रता, छेड़छाड़, गालीगलौज!गांधी जयंती पर विद्यार्थियों को स्कूल न बुलाकर क्या करना चाहता था आरोपी प्रवक्ता?
कैसा विद्रूप! कैसा पाखंड!
कहां जा रहा उत्तराखंड?
2 अक्टूबर जब उत्तराखंड में दो बंद हुए। एक बंद था अंकिता के साथ हुए हैरेसमेंट के विरोध में और उसका उत्पीड़न करने वाले दरिंदों को सजा दिलाने की मांग को लेकर। दूसरा बंद था ऐसे ही हालतों में एक अन्य महिला का उत्पीड़न करने वाले दरिंदे के समर्थन में, उसे उत्पीड़न की खुली आजादी दिये जाने और उत्पीड़न की शिकार महिला को 'सजा देने और सबक सिखाने' की मांग को लेकर। विश्वास नहीं होता? पढिये ये रिपोर्ट....
गढ़वाल मंडल में हुए अंकिता हत्याकांड ने उत्तराखंड में महिलाओं की सुरक्षा के बड़े बड़े वादों और दावों की पोल खोलकर रख दी है वही अब कुमाऊं मंडल में भी महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे है । मामला रानीखेत जिले के ताड़ीखेत विकासखंड के अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज भुजान का है। यहां महिला प्रवक्ता ने पुरूष प्रवक्ता पर छेड़छाड़, अभद्रता, गंदी गाली गलौज, धमकी इत्यादि का आरोप लगाया है और प्रवक्ता के खिलाफ राजस्व पुलिस में केस दर्ज करवाया है।
आरोपी प्रवक्ता
मामले के मामले के अनुसार राजकीय इंटर कालेज भुजान में इंग्लिश विषय पढ़ाने वाली महिला प्रवक्ता की नियुक्ति के बाद से ही विद्यालय के दूसरे प्रवक्ता मिथिलेश्वर सिंह महिला प्रवक्ता के साथ छेड़छाड़ और अभद्रता करने लगा, इतना ही नही महिला प्रवक्ता के मुताबिक मिथिलेश्वर सिंह महिला प्रवक्ता से बॉडी पार्ट्स को लेकर भी कमेंट्स करने लगा । जब महिला प्रवक्ता ने इन सब बातों का विरोध किया तो उसने महिला प्रवक्ता को बदनाम करने की नीयत से उसके ऊपर गलत इल्जाम लगाने लगाने शुरू कर दिए। महिला ने मिथिलेश्वर सिंह के खिलाफ 19 जुलाई 2022 को प्रधानाचार्य से लिखित शिकायत की इसके बाद प्रधानाचार्य द्वारा एक टीम गठित की गई। खंड शिक्षा अधिकारी के समक्ष मामला आने के बाद मिथिलेश्वर ने अपने कारनामो को कुबूल किया,जिसके बाद मिथिलेश्वर के ट्रांसफर की बात सामने आई और विद्यालय प्रबंधन ने ट्रांसफर होने तक मिथिलेश्वर को मेडिकल लीव पर रख दिया गया । लेकिन मामला यही नही रुका मेडिकल लीव पर होने के बावजूद मिथिलेश्वर विद्यालय आने लगा और विद्यालय आकर पीड़ित महिला प्रवक्ता के साथ और ज़्यादा अभद्रता करने लगा।
महिला प्रवक्ता ने ये भी आरोप लगाया है कि मिथिलेश्वर विद्यालय में गुटबाजी भी करते है और उसे हथियार बनाकर ही विद्यालय में ही कार्यरत एक महिला जो कि मिथिलेश्वर के गुट में शामिल थी का एक अन्य प्रवक्ता के साथ झगड़ा हुआ जिसकी गवाह पीड़ित महिला प्रवक्ता और 79 विद्यार्थी थे,मामला प्रिंसिपल तक पहुंचा और उक्त महिला ने पीड़ित महिला प्रवक्ता पर,प्रिंसिपल और उक्त अन्य प्रवक्ता पर ही एससी एसटी एक्ट में शिकायत दर्ज कर दी। महिला प्रवक्ता का कहना है कि ये सब मिथिलेश्वर सिंह की ही बदला लेने की एक चाल थी। इसके बाद मिथिलेश्वर के हौसले और बुलंद हो गए। उसका ट्रांसफर भी नही हुआ,और वो लगातार पीड़ित महिला प्रवक्ता के साथ छेड़छाड़, अभद्रता, गाली गलौज और ज़्यादा करने लगा।
मामले को लेकर पीड़ित महिला प्रवक्ता नैनीताल कुमाऊं कमिश्नर के पास पहुंची,कमिश्नर ने मामले का संज्ञान लिया और अपर निदेशक माध्यमिक,खंड शिक्षा अधिकारी और मुख्य शिक्षा अधिकारी को बुलवाकर जांच करने के निर्देश दिए। पीड़ित महिला प्रवक्ता का कहना है कि 19 जुलाई को जो शिकायत पत्र मैंने दिया था उसमें जो जो बिंदु मैंने लिखे थे उसमे से उन्होंने बेहद भद्दी प्रश्नावली तैयार की और उसे व्हाट्सएप पर वायरल कर दिया।
महिला प्रवक्ता जब 2 अक्तूबर गांधी जयंती के दिन स्कूल पहुंची फिर कुछ आस पास के लड़कों ने गेट बंद कर दिया और महिला प्रवक्ता को स्कूल के अंदर ही कैद हो गयी । 338 बच्चों के स्कूल में एक भी बच्चा गांधी जयंती के दिन स्कूल नहीं पहुँच पाया जबकि नियम के अनुसार गांधी जयंती को प्रभात फेरी भी निकाली जाती है अंदरूनी सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार मिथिलेश्वर सिंह के इस कुकर्म का साथ स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य भंवर सिंह और खंड शिक्षा अधिकारी एस एस चौहान दे रहे है मिथिलेश्वर सिंह 58 वर्ष के है और इनका परिवार देहरादून रहता है और स्कूल में लगभग 20 वर्षों से कार्यरत है जाहिर है विभाग और स्थानीय लोगों में उनकी अच्छी पकड़ है इसलिए गांधी जयंती के दिन बच्चों की छुट्टी कर देना अचानक महिला प्रवक्ता के खिलाफ कई असामाजिक तत्वों को खड़ा कर महिला प्रवक्ता के खिलाफ नारेबाजी कर देना एक शिक्षा विभाग में महिलाओं के प्रति बढ़ते उत्पीड़न के षड्यंत्र की आहत दे रहा है । ये मामला जब नैनीताल विधायक सरिता आर्य तक पहुंचा तब उन्होंने अल्मोड़ा डीएम और एसएसपी को फ़ोन कर विद्यालय के गेट को खुलवाया और 4 घण्टे विद्यालय में कैद होने के बाद बमुश्किल पीड़ित महिला प्रवक्ता अपने घर नैनीताल पहुंच सकी। इस मामले में एसडीएम अल्मोड़ा ने भी उनकी मदद की।
फिलहाल यह मामला राजस्व पुलिस से अल्मोड़ा पुलिस को ट्रांसफर हो चुका है रानीखेत तहसीलदार मनीषा मारकाना के अनुसार अल्मोड़ा पुलिस को मामला ट्रांसफर हो चुका है जब तक अल्मोड़ा पुलिस इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर नियुक्त नहीं कर देती तब तक राजस्व पुलिस की विवेचना जारी रहेगी ।